
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उद्योग मंडल एसोचैम (एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया) फाउंडेशन वीक को संबोधित किया. पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि छह महीने पहले लाए गए कृषि कानूनों से किसानों को फायदा है. इस अवसर पर पीएम मोदी ने मैनुफैक्चरिंग सेक्टर से सेकर लेबर को लेकर जो भी रिफॉर्म किए, उनका जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में भारत निवेश के लिए सबसे बेहतर स्थान के रूप में उभरा है. कोरोना महामारी के दौर में रिकॉर्ड विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) और फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टमेंट (एफपीआई) इस बात का प्रमाण है कि भारत पर दुनिया को भरोसा है. उन्होंने कहा कि दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ बढ़ रहा है और भारतीय उद्योगों को अब आत्मनिर्भर भारत के लिए पूरी क्षमता से काम करना है.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने सभी इंडस्ट्री से भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए सभी जरूरी प्रयास करने को कहा है. रतन टाटा को सम्मानित करते हुए उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप ने भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री ने रतन टाटा को ‘एसोचैम एंटरप्राइज ऑफ द सेंचुरी’ अवार्ड से सम्मानित किया. उन्होंने यह सम्मान टाटा ग्रुप के बिहाफ पर प्राप्त किया.
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कृषि कानूनों को बताया किसानों के लिए फायदेमंद
पीएम मोदी ने एसोचैम के फाउंडेशन वीक के दौरान संबोधन में कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि फॉर्म लॉज से कई किसान फायदा पाने लगे हैं. बता दें कि पंजाब और हरियाणा के सैकड़ों किसानों ने दिल्ली को जोड़ने वाले कई हाइवेज को बंद कर रखा है. आज उनके प्रतिरोध का 24वां दिन है. उनका डर है कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम
समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हो जाएगी. हालांकि सरकार का कहना है कि एमएसपी को समाप्त नहीं किया जाएगा. नए कृषि कानूनों से किसानों को अपनी फसल को मुंहमांगी कीमत पर बेचने की मंजूरी देती है.
दुनिया का भरोसा बढ़ा है इंडियन इकोनॉमी में
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर बढ़ा है. कोरोना महामारी के दौर में जब पूरी दुनिया निवेश के लिए जूझ रही थी, उस समय भारत में रिकॉर्ड अमाउंट में एफडीआई आया. उन्होंने कहा कि दुनिया भर के निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए घरेलू निवेश को बढ़ाना है.
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया अगले औद्योगिक क्रांति की तरफ बढ़ रही है. ऐसे में राष्ट्र निर्माण के लक्ष्यों को पाने के लिए हमें योजनाएं तैयार कर उस के मुताबिक कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए उद्योगों को विशेषज्ञता हासिल करनी होगी.
The world has confidence in the Indian economy. During the coronavirus pandemic when the world is distraught over channelling investments, we have received a record amount of FDI. We have to increase our domestic investments in order to sustain this confidence: PM Narendra Modi https://t.co/vo1KuTnxci
— ANI (@ANI) December 19, 2020
एसोचैम फाउंडेशन में उन्होंने कई बातें कहीं
- बीते 100 सालों से आप सभी देश की इकोनॉमी को और करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटे हैं.
- आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के लिए आपको पूरी ताकत लगा देनी है.
- दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ तेजी से आगे बढ़ रही है. ऐसे में भारतीय उद्योंगों को आत्मनिर्भर भारत के लिए पूरी क्षमता से काम करना है. नई तकनीक कई चुनौतियां लाएंगी और कई समाधान भी लाएंगे. इस समय हमें योजना भी तैयार करना है और उस पर एक्ट भी करना है. हमें हर साल के, हर लक्ष्य को राष्ट्र निर्माण के एक बड़े लक्ष्य के साथ जोड़ना है.
- ये समय भारतीय इंडस्ट्री के रूप में आपकी कैपेसिटी, कमिटमेंट और करेज को दुनिया भर को दिखा देने का है.
- हमारा चैलेंज सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं है बल्कि हम इस लक्ष्य को कितनी जल्दी हासिल करते हैं, ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है. आने वाले 27 साल भारत की वैश्विक भूमिका को ही तय नहीं करेंगे, बल्कि ये हम भारतीयों के ड्रीम्स और डेडिकेशन दोनों को टेस्ट करेंगे.
- एक जमाने में हमारे यहां जो परिस्थितियां थीं, उसके बाद कहा जाने लगा था- ‘भारत क्यों’. अब जो सुधार देश में हुए हैं, उनका जो प्रभाव दिखा है, उसके बाद कहा जा रहा है- ‘भारत क्यों नहीं’.
- नया भारत, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ा रहा है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैन्युफेक्चरिंग पर हमारा विशेष फोकस है. मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर रिफॉर्म्स कर रहे हैं.
- देश आज करोड़ों युवाओं को अवसर देने वाले एंटरप्राइज और वेल्थ क्रिएटर्स के साथ है.
- निवेश का एक और पक्ष है जिसकी चर्चा आवश्यक है. यह है रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) पर होने वाला निवेश. भारत में आरएंडडी पर निवेश बढ़ाए जाने की जरूरत है.
5 दिनों के वर्चु्अल इवेंट का आज आखिरी दिन
एसोचैम की स्थापना 1920 में की गई थी. इस प्रकार उसकी स्थापना के 100 साल पूरे हो चुके हैं. इस अवसर पर वह पांच दिनों का वर्चुअल इवेंट आयोजिक किया जो 15 दिसंबर से शुरू हुआ था और आज आखिरी दिन पीएम मोदी ने इसे संबोधित किया. इस इवेंट में भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी वाला बनाने के लिए आत्मनिर्भर रोडमैप पर चर्चा हुई.
देश की सबसे पुरानी शीर्ष इंडस्ट्री बॉडी
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ( ASSOCHAM) भारत के वाणिज्य संघों की प्रतिनिधि संस्था है. इसकी स्थापना 1920 में हुई थी. यह संगठन में 250 से अधिक चैंबर्स और ट्रेड का एसोसिएन है. इसके अलावा इसके देश भर में 4.5 लाख से अधिक सदस्य हैं. एसोचैम के वर्तमान प्रेसिडेंट डॉ निरंजन हीरानंदानी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विनीत अग्रवाल और सेक्रेटरी जनरल दीपक सूद हैं.
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