PM Modi Rajya Sabha Speech: कल लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने के बाद आज यानी गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा को सबोधित किया. लोकसभा में कल विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण से उपजा विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. पीएम मोदी जब अपने संबोधन के लिए उठे तो सदन में हो-हल्ला मच गया. विपक्षी सदस्य पीएम मोदी के भाषण को बाधित करने की कोशिश करते हुए सदन के वेल में पहुच गए और अडानी समूह के खिलाफ जेपीसी जांच की मांग करते रहे. हालांकि पीएम मोदी ने विपक्ष के ऊपर जमकर निशाना साधा और कहा कि जितना कीचड़ उछालोगे, उतना ही कमल खिलेगा. उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है. मैं देश के लिए जीता हूं, देश के लिए कुछ करने के लिए निकला हुआ हूं.
आइए जानते हैं पीएम द्वारा कही गई 10 बड़ी बातें
- पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि हम जनता की प्राथमिकता और आवश्यकता के हिसाब से मेहनत करते हैं. लेकिन जैसे महात्मा गांधी कहते थे कि श्रेय और प्रेय ….हमने इनमें से श्रेय का रास्ता चुना है. जनता-जनार्दन को हम चोट नहीं लगने देंगे.
- राज्यसभा में संबोधन का शुरुआत में पीएम मोदी ने शायराना अंदाज में किया. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन में कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी देश को निराश करने वाली है. ऐसे माननीय सदस्यों को यही कहूंगा कि “कीचड़ उसके पास था मेरा पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल.” उन्होंने कहा कि जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ज्यादा खिलेगा. कमल खिलाने में आपका प्रत्यक्ष और परोक्ष योगदान है. इसके लिए मैं शुक्रिया कहता हूं.
- मल्लिकार्जुन खड्गे पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “विपक्ष के साथी खड्गे जी ने कहा कि कांग्रेस ने 60 सालों में मजबूत बुनियाद बनाई. उनकी शिकायत थी कि बुनियादी उनकी है और क्रेडिट हम ले रहे हैं. लेकिन 2014 में जब मैंने इसे बारीकी से देखा तो पता चला कि कांग्रेस के परिवार ने देश में गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे.
- कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि एक समय पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक उनकी ही दुनिया थी. देश उनका समर्थन करता था लेकिन उन्होंने ऐसी कार्यशैली विकसित की जिससे किसी भी समस्या का परमानेंट सॉल्यूशन नहीं निकल पाया. बहुत हो हल्ला होता था तो ये लोग चीजों को छू लेते थे लेकिन समस्याओं का समाधान कभी नहीं करते थे.
- जल संरक्षण पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि अगर मैं पानी का उदाहरण लूं तो उस जामने में एक गांव में हैंडपंप लगाने पर उत्सव मनाया जाता था. आप हैरान होंगे कि लोग पानी की टंकी का उद्घाटन करने जाते थे. हमने जल संरक्षण और कैच द रेन अभियान से जनता को जोड़ा. जब हम सत्ता में आए थे तब 3 करोड़ लोगों को नल से जल मिलता था लेकिन अब यह आकड़ा 11 करोड़ को पार कर गया है.
- मल्लिकार्जुन खड्गे पर पीएम मोदी आज ज्यादा ही हमलावर नजर आए. उन्होंने कहा कि कल खड़गे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं. मैं आता हूँ और उसकी शिकायत करने से पहले यह देखिए कि कर्नाटक में 1 करोड़ 70 लाख जनधन एकाउंट खुले हैं. खुद आपके इलाके में 80 लाख खाते खुले हैं. इतने लोग जागरूक हो गए हैं.. इतने बैंक एकाउंट खुल गए हैं और इससे आप लोगों का खाता बंद हो गया है. आपकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं.
- पीएम ने आगे कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल एक त्रिशक्ति है. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर (DBT) के तहत 27 लाख करोड़ रुपये देश के नागरिकों के खातों में ट्रांसफर किया गया है. मुझे खुशी है कि इससे देश के 2 लाख करोड़ रुपये जो किसी “इकोसिस्टम” के खाते में जाते थे.. बच गए.
- पीएम मोदी ने विपक्ष को लेकर सदन में कहा कि हमारे देश में पहले योजनाएं लटकाना और अटकाना ही उनका एकमात्र तरीका बन गया था. टैक्सपेयर की गाढ़ी कमाई का नुकसान होता था. हम पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान लाए और 1600 लेयर्स में देश को गति देने का काम कर रहे हैं. भारत के निर्माण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व हम भलीभांति समझते हैं.
- राहुल गांधी अप्रत्यक्ष रूप से तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार में आता है तो देश के लिए कुछ करने आता है. लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से काम नहीं चलता है. नियत सबसे ज्यादा अहम होती है. उन्होंने पहले कहा था कि गरीबी हटाओं लेकिन उसके 4 दशक के बाद भी गरीबी हटी क्या?