97th Mann Ki Baat: साल 2014 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लगातार देशवाशियों से मन की बात (Mann Ki Baat) करते आ रहे हैं. हालांकि साल 2023 में यह पहला मौका था जब पीएम मोदी लोगों को इसके जरिये संबोधित किए. पीएम ने अपने मन की बात में क्लाइमेट चेंज (Climate Change), बायो-डाइवरर्सिटी Biodiversity, वेटलैंड्स (Wetlands), कश्मीर (Kashmir) और आदिवासियों के मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को पद्म पुरस्कार मिलने से उनका सम्मान बढ़ा है. उन्हें यह पुरस्कार देना गर्व की बात है.
आदिवासियों को सम्मानित करना गर्व की बात
पीएम मोदी ने अपने मन की बात में आदिवासियों का जिक्र करते हुए कहा कि पद्म पुरस्कार मिलने से उनका सम्मान बढ़ा है. उन्हें यह पुरस्कार देना गर्व की बात है. पीएम ने कहा कि इस बार बड़ी संख्या में पद्म पुरस्कार आदिवासी समाज से जुड़े लोगों को मिली है. जनजातीय जीवन शहरी जीवन की हलचल से अलग है और इसकी अपनी चुनौतियां भी हैं. इन सबके बावजूद आदिवासी समाज अपनी परंपराओं को बचाने के लिए हमेशा उत्सुक रहता है. प्रधानमंत्री ने बताया कि टोटो, हो, कुवी और मंडा जैसी आदिवासी भाषाओं पर काम करने वाले कई लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
E-Waste से बढ़ेगा इकॉनमी
पीएम मोदी ने अपनी मन की बात में संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया में हर साल साल 50 मिलियन टन ई-वेस्ट (E-Waste) फेंका जा रहा है. लेकिन इतने ई-वेस्ट से लगभग 17 प्रकार की कीमती धातुएं निकाली जा सकती हैं. उन्होंने आगे कहा कि जब भी कोई अपने पुराने डिवाइस को रिप्लेस करता है तो यह ध्यान रखना जरूरी हो जाता है कि उसे सही तरीके से डिस्पोज किया गया है या नहीं. अगर ई-वेस्ट का निपटारा सही से नहीं किया गया तो यह हमारे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. लेकिन इसे अगर सावधानी से रिप्लेस किया जाए, तो यह रीसायकल होकर इकॉनमी में एक बड़ा योगदान दे सकता है.
कश्मीर जाएं पर्यटक
पीएम ने कहा कि ठंड में इस बार देश के लोगों ने खूब ट्रेवल किया. लोग कश्मीर में जाकर बर्फ का आनंद ले रहे हैं. बनिहाल से बड़गाम जाने वाली ट्रेन के जरिये लोग प्राकृतिक नजारों को खूब देख रहे हैं. पीएम ने आगे लोगों से कश्मीर जाने और वहां की खूबसूरती देखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि कश्मीर के युवा नेशनल गेम्स में बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
धरती की अस्तित्व के लिए वेटलैंड ज़रूरी
धरती की अस्तित्व के लिए वेटलैंड ज़रूरी है क्योंकि यह ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करता है. वेटलैंड्स बायो-डायवर्सिटी के लिए भी बहुत जरूरी होते हैं. पीएम ने कहा कि हमारे देश में पहले 26 रामसर साइट्स (Ramsar Sites) थे लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 75 हो गया है. यह प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.