Kartavya Path Inauguration : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में ‘कर्तव्य पथ’ को देश को समर्पित किया. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ब्लैक ग्रेनाइड से बनी प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान पीएम मोदी ने प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकारों से भी बातचीत की.
‘कर्तव्य पथ’ की खासियत
- कर्तव्य पथ पर दिखेगी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा.
- कर्तव्य पथ के दोनों ओर लाल ग्रेनाइट के 15.5 किमी लंबे वॉकवे का निर्माण किया गया है.
- 19 एकड़ नहर क्षेत्र में लोगों को सुविधा के लिए 16 पुल बनाए गए हैं.
- फूड स्टॉल की व्यवस्था की गई
- कर्तव्य पथ के दोनों ओर बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था
- करीब 3.90 लाख वर्ग मीटर में फैला है कर्तव्य पथ का हरित क्षेत्र
- पैदल यात्रियों के लिए कई नए अंडरपास का हुआ है निर्माण
- आधुनिक लाइट्स की व्यवस्था.
- हर हिस्से पर आधुनिक तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरें लगाए गए
- पार्किंग की व्यवस्था
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के 3.20 किलोमीटर लंबे मार्ग ‘कर्तव्य पथ’ को विकसित किया गया है. राजपथ से कर्तव्य पथ बने इस मार्ग के दोनों ओर लाल ग्रेनाइट से 15.5 किमी लंबे वॉकवे का निर्माण किया गया है. साथ ही 19 एकड़ नहर क्षेत्र पर 16 पुल बनाए गए हैं. कर्तव्य पथ को शुक्रवार से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. 3.90 लाख वर्ग मीटर में फैले इस हरित क्षेत्र में पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास के साथ ही आधुनिक लाइट्स लगाई गई है, ताकि शाम के समय में भी कर्तव्य पथ की भव्यता दिखाई दे. इससे एक दिन पहले ही नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (NDMC) ने राजपथ के नाम को बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है.
तीन बार बदला जा चुका है नाम
102 साल में इतिहास में इस मार्ग का नाम तीन बार बदला गया है. ब्रिटिश राज में निर्मित इस मार्ग का पहला नाम किंग्सवे (Kingsway) था. जिसे आजादी के बाद बदलकर ‘राजपथ’ कर दिया गया था. राजपथ वही मार्ग है, जहां पर 26 जनवरी की परेड निकलती है. अब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया.