देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन की जल्द ही शुरुआत होगी. इस महीने के अंत तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली में इसे हरी झंडी दिखाएंगे. ऑफिसियल स्रोत के हवाले से यह जानकारी प्राप्त हुई है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के मैजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन को हरी झंडी दी जाएगी. यह लाइन जनकपुरी को बॉ़टनिकल गार्डेन को जोड़ती है.
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इससे जुड़ा प्रस्ताव भेज दिया गया है. प्रस्ताव के मुताबिक 25 दिसंबर के आसपास बिना ड्राइवर वाली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाएगी. इस ट्रेन को शुरू करने के लिए डीएमआरसी ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
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एक कोच में 380 यात्री कर सकेंगे सफर
दिल्ली मेट्रो की ड्राइवरलेस ट्रेन्स तीसरे चरण के तहत निर्मित हुईं मैजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलेंगी. सितंबर 2017 में डीएमआरसी ने अपने नए ड्राइवरलेस ट्रेन्स का 20 किमी लंबे सफर पर परीक्षण शुरू किया था. ड्राइवरलेस ट्रेन्स में छह कोच होंगे और इसमें एडवांस्ड फीचर्स होंगे. इन ट्रेनों में तकनीकी अपग्रेड के साथ इको-फ्रेंडली अपग्रेड भी किए गए हैं. इसके अलावा यात्रियों के लिए सफर आरामदायक बनाने के लिए फीचर्स जोड़े गए हैं. इन ट्रेनों की अधिकतम चाल 85 किमी प्रति घंटा होगी. ये ट्रेन 58 किमी लंबे मजलिस पार्क-शिव विहार (लाइन 7) और जनकपुरी (वेस्ट)- बॉटनिकल गार्डेन (लाइन 8) पर चलाई जाएंगी.
बिना ड्राइवर के ट्रैक पर दौड़ने वाली इन ट्रेनों को दिल्ली मेट्रो सिस्टम का ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर्स (ओसीसी) नियंत्रित करेगा. हर कोच में अधिकतम 380 यात्री आ सकेंगे और कुल छह कोच होंगे.
हर दिन 26 लाख लोग करते हैं दिल्ली मेट्रो से सफर
दिल्ली मेट्रो अपने कॉमर्शियल ऑपरेशन की शुरुआत 25 दिसंबर 2002 को की थी. इसके एक दिन पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डीएमआरसी की पहली यात्रा के लिए हरी झंडी दिखाई थी. उन्होंने शाहदरा से तीस हजारी के बीच 8.2 किमी लंबे सफर का उद्घाटन किया था. शाहदारा से तीस हजारी के बीच छह स्टेशन थे.
डीएमआरसी की इस समय 10 लाइन हैं और 242 स्टेशंस हैं. दिल्ली मेट्रो के जरिए हर दिन औसतन 26 लाख से अधिक लोग सफर करते हैं.