Pariksha Pe Charcha’s 6th Part led by PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को छात्रों को दिए अपने संदेश में कहा कि वे जीवन में कभी भी ‘‘शॉर्टकट’’ का रास्ता ना अपनाएं. उन्होंने नकल के प्रति भी छात्रों को आगाह किया और कहा कि इससे उन्हें अल्पकालिक लाभ तो हो सकता है लेकिन दीर्घकालिक नुकसान ही होगा. राजधानी स्थित तालकटोरा स्टेडियम में ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ (Pariksha Pe Charcha) वार्षिक संवाद के छठे संस्करण के दौरान छात्रों से संवाद में मोदी ने कहा कि छात्रों को अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करनी चाहिए. बता दें कि परीक्षा पे चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हैं. इस कार्यक्रम में पीएम तनाव और परीक्षा से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करते हैं.
मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से बचें
पीएम मोदी ने छठे संस्करण के दौरान छात्रों द्वारा कैलकुलेटर, मोबाइल जैसे तमाम गैजेट्स के अधिक इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त किया और कहा कि छात्रों को अपनी बुद्धिमत्ता पर भरोसा करना चाहिए ना कि अपने मोबाइल फोन पर. प्रधानमंत्री ने छात्रो को टेक्नोलॉजी से विचलित न होने की बात कही. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बातचीत के लिए जब आप मोबाइल फोन का उपयोग करें तो इसके लिए एक अलग समय तय करें.
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कड़ी मेहनत से जीवन में मिलेगी तरक्की, नकल करने से बचें
प्रधानमंत्री ने परीक्षाओं में अनुचित प्रथाओं के उपयोग के खिलाफ भी दृढ़ता से बात की और छात्रों को सलाह दी कि वे इस बात पर गर्व न करें कि तनाव से बचने के लिए उनकी परीक्षा कितनी अच्छी रही. उन्होंने कहा कि नकल से किसी को एक या दो परीक्षा में तो मदद मिल सकती है लेकिन लंबे समय में जीवन में नहीं. शॉर्टकट कभी भी न अपनाने की सलाह देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों द्वारा की गई कड़ी मेहनत ही उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में हमेशा मदद करेगी.
पेरेंट एग्जाम के अंकों के आधार पर शेखी बघारने से करें परहेज
छात्रों को कई बार उन पर पड़ रहे दबाव का विश्लेषण करना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि कहीं वे अपनी ताकत को कम तो नहीं आंक रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि परिवार के सदस्यों की अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है लेकिन अगर वह समाज में दिखावे के लिए ऐसा करते हैं तो गलत है. उन्होंने कहा कि तनाव के कारणों में से एक यह है कि हमने अपनी परीक्षा में कितना अच्छा प्रदर्शन किया, इस बारे में शेखी बघारने लगते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे में माता-पिता बच्चों की बातों पर विश्वास करने लगते हैं और यह बात अपने आसपास के लोगों को बताने लगते हैं. परीक्षा में अपने प्रदर्शन के बारे में गलत धारणा बनाने से बचें.
बोर्ड परीक्षा के बाद बच्चों को यात्रा के लिए पैसे दें
छात्रों द्वारा अपने दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के बाद कुछ स्थानों की यात्रा करने के लिए कुछ पैसे दें और उन्हें इसके बारे में लिखने के लिए कहें. उन्होंने कहा कि बच्चों को घर के भीतर बंद नहीं रखना चाहिए और उन्हें उन गतिविधियों को करने की अनुमति दी जानी चाहिए जो वे समाज में करना चाहते हैं. उन्हें समाज के विभिन्न लोगों से मिलने देना चाहिए. छात्रों को बंधनों में नहीं बांधना चाहिए. उन्हें उनका दायरा बढ़ाने की अनुमति दी जानी चाहिए.
छात्रों के सवालों का स्वागत करें टीचर
प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों को सलाह दी कि जो छात्र उनसे सवाल करते हैं, वे उनका स्वागत करें. उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र प्रश्न करता है तो इसका अर्थ है वह उसके बारे में जाननें को उत्सुक है. छात्रों द्वारा सवाल पूछना अच्छा संकेत है और शिक्षकों को उनकी उत्सुकता को बढ़ावा देने की कोशिश करनी चाहिए.
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38 लाख छात्रों ने कराया रजिस्ट्रेशन
परीक्षा पे चर्चा में भाग लेने के लिए इस साल रिकॉर्ड 38 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार, छात्रों का पंजीकरण पिछले साल की तुलना में कम से कम 15 लाख अधिक है. बता दें कि ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ का पहला एडिशन 16 फरवरी 2018 को हुआ था.