वैश्विक आर्थिक अनुमान जताने और परामर्श देने वाली कंपनी ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने सोमवार को भारत के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि के अनुमान को 11.8 फीसदी से घटाकर 10.2 फीसदी कर दिया. इसके लिए कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण स्वास्थ्य सेवा पर पड़ रहा भार, टीके की कीमत को लेकर हिचक और महामारी की रोकथाम के लिए सरकार की ठोस रणनीति के अभाव का हवाला दिया गया है.
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने क्या कहा ?
संस्थान ने यह भी कहा कि आने वाले समय में आवाजाही पर पाबंदी लगने की आशंका के बावजूद, भारत का स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने का फैसला, कम कड़े प्रतिबंध और मजबूत उपभोक्ता और कारोबारी व्यवहार दूसरी लहर के आर्थिक असर को कम करेगा. ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण स्वास्थ्य सेवा पर पड़ रहा भार, कीमत को लेकर हिचक और महामारी की रोकथाम के लिए सरकार की ठोस रणनीति के अभाव को देखते हुए उन्होंने 2021 के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 11.8 फीसदी से घटाकर 10.2 फीसदी करने का फैसला किया.
परामर्श कंपनी ने कहा कि दूसरी तिमाही में तिमाही आधार पर जीडीपी वृद्धि में संकुचन होगा. उसने यह भी कहा कि अगर बोझ तले दबे अपने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के कारण महाराष्ट्र की तरह दूसरे राज्य भी कड़ाई से लॉकडाउन लगाते हैं, तो वे अपने वृद्धि के अनुमान को और कम करेंगे.
भारत की स्वास्थ्य प्रणाली धाराशायी हुई: ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा कि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली संक्रमण से ज्यादा प्रभावित राज्यों में बिल्कुल धाराशायी हो गई है. यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन और कोविड-19 अस्पतालों में बिस्तरों की कमी है. उसने कहा कि आधिकारिक मृत्यु दर कम है लेकिन तेजी से लोगों की हो रही मौत की सही तस्वीर सामने नहीं आ रही. अब हर 10 दिन में मौत की संख्या दोगुनी हो रही है जबकि पहली लहर में यह औसतन 29 दिनों में हो रही थी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,52,991 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,73,13,163 हो गई, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 28 लाख को पार कर गई है. वहीं संक्रमण से 2,812 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,95,123 हो गई है.