What is 5+3+3+4 formula education system: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy, NEP) 2020 को मंजूरी दी. इसके तहत स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुधार किए गए हैं. यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और यह 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई), 1986 की जगह लेगी. सरकार का कहना है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत उच्च शिक्षा के लिए भी बड़े सुधार शामिल किए गए हैं, जिनमें 2035 तक 50 फीसदी ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो और मल्टीपल एंट्री/एग्जिट भी हैं.
5+ 3+ 3+ 4 क्या है ?
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा. इसका मतलब है कि अब स्कूली शिक्षा को 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए विभाजित किया गया है. इसमें प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12वीं तक आखिरी हिस्सा होगा.
सरकार के मुताबिक, इसका मकसद अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जो बच्चे के मानसिक विकास के लिए जरूरी है. नई प्रणाली में तीन साल की आंगनवाड़ी / प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी.
NCERT बनाएगा राष्ट्रीय पाठ्यक्रम
NCERT 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (NCPFECCE) के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा. एक विस्तृत और मजबूत संस्थान प्रणाली के माध्यम से प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ECCE) मुहैया कराई जाएगी. इसमें आंगनवाडी और प्री-स्कूल भी शामिल होंगे जिसमें ECCE शिक्षाशास्त्र और पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता होंगे. ECCE की योजना और कार्यान्वयन मानव संसाधन विकास, महिला और बाल विकास (डब्ल्यूसीडी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (एचएफडब्ल्यू), और जनजातीय मामलों के मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा.
छात्र चुन सकेंगे अपने पसंदीदा विषय
नई शिक्षा नीति में आर्ट्स एवं साइंस, पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच और व्यावसायिक और शैक्षणिक विषयों के बीच कोई सख्त अंतर नहीं होगा. छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत लचीलापन मिलेगा और पसंदीदा विषय चुनने के लिए कई विकल्प दिए जाएंगे. स्कूलों में छठीं क्लास से ही व्यावसायिक शिक्षा शुरू हो जाएगी और इसमें इंटर्नशिप शामिल होगी.
सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, स्कूल के पाठ्यक्रम और अध्यापन-कला का लक्ष्य होगा कि 21वीं सदी के प्रमुख कौशल या व्यावहारिक जानकारियों से विद्यार्थियों को लैस करके उनका समग्र विकास किया जाए और अनुभवात्मक शिक्षण पर अधिक फोकस करने के लिए पाठ्यक्रम को कम किया जाए.