New Coronavirus variant: दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ने एक बार फिर दुनिया भर की चिंता बढ़ा दी है. इसके चलते, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राष्ट्रीय राजधानी में एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि बैजल 29 नवंबर को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस मीटिंग में शहर में महामारी की वर्तमान स्थिति के साथ ही आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से निपटने की तैयारियों को लेकर चर्चा होगी.
जानें कितना खतरनाक है यह वायरस
कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को B.1.1.529 नाम दिया गया है. यह सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला था, जिसके बाद यह अन्य पड़ोसी अफ्रीकी देशों में भी फैल गया. इसे अब तक का सबसे खतरनाक स्ट्रेन बताया जा रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इसे लेकर कहा है कि प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार इस नए वैरिएंट में बहुत बड़ी संख्या में म्यूटेंट हो रहा है, जो कि खतरनाक है. WHO के प्रवक्ता ने आगे कहा कि अभी इस वायरस के बारे में गहन अध्ययन किए जाने की जरूरत है, तभी आने वाले हफ्तों में इसके इसके प्रभावों के बारे में जाना जा सकता है.
VLCC Health Care को मिली SEBI की मंजूरी, दिसंबर के अंत तक आ सकता है IPO, जानें पूरी डिटेल
सबसे ज्यादा म्यूटेंट वाला वैरिएंट
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेंट वाला वैरिएंट है. कोरोना का यह नया वैरिएंट बोत्सवाना सहित पड़ोसी देशों में पहले से फैल चुका है, जहां कथित तौर पर पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में इसका पता चला है. ब्रिटेन ने शुक्रवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है. हालांकि, ब्रिटेन सरकार का कहना है कि देश में अब तक वायरस के नए वैरिएंट के किसी भी मामले का पता नहीं चला है.
भारत ने नहीं लगाया यात्रियों पर प्रतिबंध
भारत सरकार ने अब तक दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग जैसे प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों को लेकर किसी तरह के यात्रा प्रतिबंध की घोषणा नहीं की है. हालांकि, केंद्र ने राज्य सरकारों को सलाह दी है कि वे इन देशों से आने वाले यात्रियों को लेकर सतर्क रहें. ब्रिटेन, जर्मनी, इटली जैसे कई देशों ने प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. नए वैरिएंट ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को भी प्रभावित किया है. यूरोप और एशिया में प्रमुख सूचकांक गिर गये. डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि जल्दबाजी में किसी नतीजे पर न पहुंचें.