
इस साल 2021 में मानसून सामान्य रहने का अनुमान है. चार महीने के बारिश सत्र में El Nino और La Nina की अनुपस्थिति के चलते इस बार किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट रहेगी. यह अनुमान अमेरिकी मीडिया कंपनी AccuWeather ने लगाया है जो दुनिया भर में वाणिज्यिक मौसम पूर्वानुमान सेवाएं प्रदान करती है. भारतीय अर्थव्यवस्था मूल रूप से कृषि आधारित है. भारतीय इकोनॉमी में कृषि सेक्टर कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जब कोरोना महामारी के दौर में सभी सेक्टर फर्श पर लुढ़क रहे थे, कृषि सेक्टर उस समय भी ग्रोथ कर रही थी. हालांकि अधिकतर जगहों पर भारतीय कृषि अभी तक मानसूनी बारिश पर निर्भर है. ऐसे में मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर सबकी निगाहें टिकी रहती हैं.
35 इंच से कुछ अधिक बारिश को मानते हैं सामान्य
AccuWeather के मुताबिक जून से सितंबर के चार महीनों में एल निनो और ला लिना वेदर पैटर्न की अनुपस्थिति के चलते सामान्य बारिश होगी. इन चार महीनों में बारिश सामान्य तब कही जाती है जब इस दौरान राष्ट्रीय औसत के 96-104 फीसदी के बराबर बारिश यानी करीब 88 सेमी (35इंच) बारिश होती है. एक्यूवेदर में एक वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जैसन निकोलस ने कहा कि इस बार देश भर में सूखे के आसार नहीं लग रहे हैं और सामान्य बारिश की उम्मीद की जा रही है.
कोरोना काल में कृषि सेक्टर ने संभाली थी इकोनॉमी
पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष की शुरुआत ही लॉकडाउन में हुई. इस दौरान सभी आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप्प पड़ गईं. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून 2020 तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसद की भारी गिरावट आई थी जबकि इस दौरान सिर्फ कृषि ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र रही, जिसमें 3.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
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