
Cabinet Decisions: केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश करने के लिए फंड जुटाने हेतु डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (DFI) को स्थापित करने वाले बिल को मंजूरी दी है. प्रस्तावित कानून वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को किए गए बजट एलान को प्रभावी करेगा. सरकार ने इंस्टीट्यूशन को कैपिटलाइज करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है.
कैबिनेट ने बिल को पारित किया
उन्होंने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि कैबिनेट ने इस बिल को पारित कर दिया है, जिसके जरिए हमारे पास एक संस्थान और संस्थागत व्यवस्थाएं होंगी, जो लंबी अवधि के फंड को बढ़ाने में मदद करेंगी. सीतारमण ने आगे कहा कि प्रस्तावित DFI में 50 फीसदी गैर-आधिकारिक निदेशक होंगे.
अपने बजट 2019-20 के भाषण में, सीतारमण ने इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग को बढ़ावा देने के लिए DFIs को स्थापित करने के लिए एक स्टडी का प्रस्ताव किया था. 2020-25 के दौरान नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) के तहत करीब 7,000 प्रोजेक्ट्स की पहचान की है, जिसके साथ 111 लाख करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश है.
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इस साल के बजट में हुआ था प्रावधान
केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस साल के अपने बजट भाषण में एलान किया था कि डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (DFI) के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है. मंत्री ने बताया था कि DFI को स्थापित करने के लिए एक बिल पेश किया जाएगा. यह इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग में काम आएगा. सीतारमण ने यह भी एलान किया था कि वे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1,18,101 लाख करोड़ रुपये आवंटित कर रही हैं. ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी आवंटन को बढ़ाकर 40 हजार करोड़ करने का एलान किया गया, जो वित्त वर्ष 2021 में 30 हजार करोड़ था.
(Input: PTI)
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