नोटबंदी के एलान के 6 साल बाद देश में कैश सर्कुलेशन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 30.88 लाख करोड़ कैश सर्कुलेशन में है. 21 अक्टूबर 2022 को खत्म हुए पखवाड़े में जनता के पास 30.88 लाख करोड़ रुपये कैश होने की बात सामने आई है, जो 4 नवंबर 2016 को मौजूद 17.97 लाख करोड़ रुपये से 71.84% ज्यादा है.
नोटबंदी के बाद कैश सर्कुलेशन में 239% का इजाफा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक देश में भले ही डिजिटल पेमेंट्स पहले के मुकाबले बढ़ी है, लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग खरीदारी के लिए कैश का ही इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं. नोटबंदी के बाद 25 नवंबर 2016 को लोगों के पास 9.11 लाख करोड़ रुपये का कैश मौजूद था, जिसमें अब 239 फीसदी का इजाफा हुआ है.
8 नवंबर 2016 को हुई थी नोटबंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की शाम 8 बजे अचानक से नोटबंदी का एलान किया था. नोटबंदी में 500 और 1,000 रुपये के नोटों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया. नोटबंदी से पहले 4 नवंबर 2016 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 17.97 लाख रुपये कैश था. इसके बाद जनवरी 2017 में यह आंकड़ा घटकर 7.8 लाख करोड़ रुपये रह गया. इसके बाद कैश के आंकड़ों में 9.3 फीसदी यानी करीब 2.63 लाख करोड़ की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई. 21 अक्टूबर 2020 को समाप्त हुए पखवाड़े में देश में करीब 25,585 करोड़ कैश सर्कुलेशन में था.
ऐसे होती है गणना
जनता के पास कैश की गणना कुल सर्कुलेशन में मौजूद मुद्रा में से बैंकों के पास मौजूद नकदी को घटाकर की जाती है. यहां पर सर्कुलेशन में मौजूद मुद्रा से मतलब उस कैश से है, जो किसी देश के भीतर कंज्यूमर और व्यवसायों के बीच लेन-देन में इस्तेमाल की जाती है. COVID-19 महामारी के दौरान डिजिटल पेमेंट में भारी इजाफा हुआ है, लेकिन अभी भी लोग कैश में पेमेंट करना ज्यादा पसंद करते हैं.