
भाजपा की तरफ से महाराष्ट्र में सरकार बनाने से पीछे हटने के बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच मिलकर सरकार बनाने की कोशिशें चल रही हैं. सोमवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहले राकांपा चीफ शरद पवार से और फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. राकांपा ने जहां शिवसेना को समर्थन देने के लिए हां कर दी है, वहीं कांग्रेस की ओर से अभी स्थिति साफ नहीं है.
इसके बाद उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर उनसे बहुमत साबित करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा. लेकिन राज्यपाल ने ऐसा करने से इंकार कर दिया. आदित्य ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना का दावा अब भी कानूनी रूप से कायम है. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि उसे अभी राकांपा के साथ और बातचीत करने की जरूरत है. ऐसी संभावना है कि कांग्रेस शिवसेना को बाहर से समर्थन दे सकती है.
वहीं, केंद्र में शिवसेना के कोटे से केंद्रीय मंत्री बने अरविंद सावंत ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले, शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने भी साफ कर दिया कि अब भाजपा के साथ गठबंधन में बने रहने का मतलब नहीं है. आज शाम तक यह तस्वीर साफ हो सकती है कि महाराष्ट्र में शिवसेना किसके सहयोग से किन शर्तों पर सरकार बनाएगी.
बता दें, भाजपा ने रविवार को घोषणा कर दी थी कि वह राज्य में सरकार नहीं बनाएगी. साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया था कि शिवसेना हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में राजग को मिले जनादेश का ‘‘निरादर’’ कर रही है. राज्य में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105, शिवसेना ने 56 सीटें, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं हैं.
मोदी मंत्रिमंडल में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को एनडीए सरकार से अलग होने की घोषणा की. वहीं, मुख्यमंत्री के पद को लेकर भाजपा के साथ चल रही तनातनी के बीच शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस से बातचीत करने की कोशिशें कर रही है. राउत ने ट्वीट में कहा, ‘‘रास्ते की परवाह करुंगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी…’
Shiv Sena MP Arvind Sawant: BJP went back from their pre election promises. It would not have been morally right for me to continue in the Centre, so I have resigned as Union Minister. pic.twitter.com/qZLt46dFFC
— ANI (@ANI) November 11, 2019
भाजपा ने वादा पूरा नहीं किया: राउत
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि भाजपा अगर महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा पूरा नहीं करना चाहती तो उसके साथ गठबंधन में बने रहने का कोई मतलब नहीं है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा शिवसेना को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित करने के एक दिन बाद राउत ने पत्रकारों से कहा, भाजपा ने ‘50:50’ के फार्मूले का पालन नहीं करके जनादेश का ‘‘अपमान’’ किया है. उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले इस पर निर्णय ले लिया गया था.
राउत ने कहा, ‘‘ मौजूदा स्थिति भाजपा के इस अहंकार के कारण ही उत्पन्न हुई है कि वह विपक्ष में बैठ लेगी लेकिन मुख्यमंत्री पद साझा नहीं करेगी. … अगर भाजपा अपना वादा पूरा करने को तैयार नहीं है, तो गठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं है.’’
सरकार बनाने के लिए मिला कम समय
राउत ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कम समय मिलने पर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा ‘‘भाजपा को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए 72 घंटे मिले, पर हमें 24 घंटे दिए गए.’’ विधानसभा चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी शिवसेना के पास सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक सरकार बनाने का दावा पेश करने का समय है.
कांग्रेस, राकांपा मिलकर फैसला लेंगी : पवार
महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए राकांपा तथा कांग्रेस द्वारा शिवसेना को समर्थन देने पर चल रही बातचीत के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि जो भी फैसला होगा वह दोनों पार्टियां मिलकर लेंगी.
पवार ने यह भी कहा कि शिवसेना को दिए गए राज्यपाल के निमंत्रण पर उनकी पार्टी में कोई चर्चा नहीं की गई है. पवार ने यहां राकांपा की कोर समिति की बैठक से पहले पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने (कांग्रेस और राकांपा ने) एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जो भी फैसला होगा, हम एक साथ मिलकर लेंगे.’’
शिवसेना को समर्थन पर कांग्रेस की बैठक
महाराष्ट्र में सोमवार को सुबह से कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक जारी है जो इस विषय पर फैसला करेगी कि राज्य में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देना है या नहीं.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के शीर्ष नेता पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता में बुलाई गई कार्य समिति की अहम बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं. किसी विषय पर निर्णय लेने के लिहाज से सीडब्ल्यूसी कांग्रेस का शीर्ष निकाय है.
विपक्षी पार्टियों से संपर्क साध रहे राउत ने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को महाराष्ट्र के हित में ‘साझा न्यूनतम कार्यक्रम’ लाने के लिए अपने आंतरिक मतभेद भुला देने चाहिए.
Input : PTI
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