Maharashtra Crisis Live: महाराष्ट्र में सियासी संकट लगातार गहराता जा रहा है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अंत तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का साथ देने की बात कही है. उन्होंने आज कहा कि सरकार अल्पमत में है या बहुमत में ये विधानसभा में तय होगा. जब वहां फ्लोर टेस्ट होगा तो पता चल जाएगा कि सरकार बहुमत में है. बागियों के मुंबई आने से तस्वीर साफ हो जाएगी. हम सरकार बचाने की हर कोशिश करेंगे. उन्होंने आगे कहा, “हमने कई बार महाराष्ट्र में ऐसे हालात देखे हैं. मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि हम इस संकट को हरा देंगे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार सुचारू रूप से चलेगी.”
इधर, शिव सेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को विधायकों का समर्थन बढ़ता जा रहा है. महाराष्ट्र से शिवसेना के कुछ और विधायकों के गुवाहाटी पहुंचने की खबर है. आज 23 जून को सुबह शिव सेना के तीन और विधायक असम के गुवाहाटी पहुंचकर एकनाथ शिंदे के बागी ग्रुप में शामिल हो गए. गुवाहाटी के जिस रेडिसन ब्लू होटल में बागी विधायक रुके हैं, वहां शिंदे समर्थक 42 विधायकों की तस्वीर और वीडियो भी जारी हुआ है. बताया जा रहा है कि इस वीडियो में 35 विधायक शिवसेना के हैं, जबकि बाकी 7 विधायक निर्दलीय हैं.
शिंदे के इस शक्ति प्रदर्शन से महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार की अस्थिरता और बढ़ गई है. वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑफिशियल आवास ‘वर्षा’ को अपने परिवार के साथ बुधवार की रात को ही छोड़ दिया. आधिकारिक आवास छोड़ने से पहले सीएम ठाकरे ने राज्य और शिवसैनिकों को संबोधित किया था.
उद्धव ठाकरे ने बागियों से कहा, मैं इस्तीफा देने को तैयार, लेकिन सामने आकर बोलिए
एकनाथ शिंदे के साथ महाराष्ट्र शिवसेना विधायक दादाजी भुसे, विधायक संजय राठौड़ और एमएलसी रवींद्र फाटक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में मौजूद हैं.
शरद पवार ने अंत तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का साथ देने की बात कही है. उन्होंने आज कहा, “बागियों के मुंबई आने से तस्वीर साफ हो जाएगी. हम सरकार बचाने की हर कोशिश करेंगे.”
एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होने के लिए कृषि मंत्री दादा भुसे भी गुवाहाटी रवाना हो गए. भुसे एकनाथ शिंदे के करीबी समर्थक हैं और उन्होंने कथित तौर पर सीएम उद्धव ठाकरे से कहा था कि शिवसेना को भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहिए. वह सूरत होते हुए गुवाहाटी के लिए रवाना हुए.
हम सीएम उद्धव ठाकरे के साथ खड़े हैं और अंत तक उनका समर्थन करेंगे. हमारे पास सरकार के लिए नंबर हैं क्योंकि शिवसेना के किसी विधायक ने इस्तीफा नहीं दिया है और न ही शिवसेना ने किसी को पार्टी से निष्कासित किया है: NCP नेता छगन भुजबल
NCP लीडर और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा, “हम अंत तक उद्धव ठाकरे जी के साथ खड़े रहेंगे. हम मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के सियासी संकट के लिए बीजेपी पर निशाना साधा है. दिग्विजय सिंह ने यू-ट्यूबर ध्रुव राठी के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है, “उन्हें पैसे की कमी नहीं है. और साथ में ED, IT, CBI का हथियार तो है ही. पैसा ले लो या जेल की तैयारी करो.”
इससे पहले दिग्विजय सिंह अपने एक और ट्वीट में लिखा, ” क्या ED, IT, CBI के ख़तरे ने व ₹25-25 करोड़ ने या हिंदुत्व के आकर्षण ने विधायकों को भाजपा की गोद में भेजा? समझने की बात है, मोदी-भाजपा भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने में लगे हैं”.
शिवसेना नेता संजय राउत ने आज कहा कि अगर सभी बागी विधायक 24 घंटे में मुंबई लौट आएं तो पार्टी कांग्रेस-एनसीपी के साथ अपने गठबंधन से बाहर आने की उनकी मांग पर विचार करेगी. राउत के इस बयान पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी महा विकास अघाड़ी के साथ बनी रहेगी और साथ मिलकर काम करना चाहती है. खड़गे ने कहा कि बीजेपी राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है और वे कर्नाटक, मध्य प्रदेश व गोवा में पहले भी ऐसा कर चुके हैं. एनसीपी नेता जयंत पाटिल का कहना है कि उनकी पार्टी से सीधे कुछ नहीं कहा गया तो ऐसे में वह अभी कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. हालांकि पाटिल ने यह भी कहा कि वे सीएम ठाकरे के साथ सरकार बचाने के लिए आखिरी समय तक कोशिश करेंगे.
महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने आज कहा कि उन्होंने बागी विधायक एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना के विधायक दल का नेता बनाए जाने को मंजूरी दे दी है. शिवसेना ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे को ही पार्टी विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था.
शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी के मौजूदा संकट के समाधान के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया है. उन्होंने कहा है कि अगर सभी बागी विधायक 24 घंटे में मुंबई लौट आएं तो पार्टी कांग्रेस-एनसीपी के साथ अपने गठबंधन से बाहर आने की उनकी मांग पर विचार करेगी. राउत ने कहा, अगर आपका कहना है कि आपने शिवसेना नहीं छोड़ी है और आपको अघाड़ी सरकार से दिक्कत है, तो हम इससे बाहर आने को तैयार हैं. लेकिन पहले वापस लौटने का साहस दिखाएं और अपनी मांग उद्धव ठाकरे के सामने रखें. अगर आप 24 घंटे में लौट आए तो आपकी मांग पर विचार किया जाएगा.
शिव सेना महाराष्ट्र में एमवीए सरकार से बाहर आने को तैयार, लेकिन पार्टी के बागी नेताओं को मुंबई 24 घंटों के भीतर लौटना होगा : सांसद संजय राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि गुवाहाटी में मौजूद 21 विधायक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं. उनके मुंबई लौटने पर पता चलेगा कि उन्हें किन हालात में हमारा साथ छोड़ना पड़ा था. राउत ने दावा किया कि फ्लोर टेस्ट की नौबत आने पर जीत उद्धव ठाकरे की ही होगी.
शिवसेना नेता संजय राउत ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी में विधायकों की बगावत के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दबाव जिम्मेदार है. राउत ने कहा कि बागी विधायकों में कम से कम 17 से 20 ऐसे हैं, जो ED के राडार पर हैं और पाला बदलकर इस मुसीबत से छुटकारा पाना चाहते हैं. राउत के मुताबिक इनके अलावा 10-15 विधायक ऐसे हैं, जो अपना बिजनेस करते हैं और भविष्य में ED का नोटिस मिलने की आशंका से डरे हुए हैं. राउत ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक बागी विधायकों में अधिकांश को ED के नोटिस मिल चुके हैं. बीजेपी उन पर ED के जरिए दबाव बना रही है. उन्होंने कहा कि अन्य बागी एमएलए भी एजेंसी के निशाने पर हैं, जिनमें एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं.
एकनाथ शिंदे गुट ने असम के रेडिसन ब्लू होटल में मौजूद 42 विधायकों की तस्वीर और वीडियो जारी किए हैं. इन 42 विधायकों में 35 शिवसेना के और 7 निर्दलीय बताए जा रहे हैं. वीडियो में बागी विधायक “शिंदे साहब तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं” के नारे भी लगा रहे हैं.
शिव सेना के विधायक ने पत्र में लिखा है कि जब अयोध्या और राम मंदिर पार्टी के लिए प्रमुख मुद्दे हैं तो पार्टी ने अपने विधायकों को अयोध्या जाने से क्यों रोका. पत्र के मुताबिक शिव सेना के विधायकों को आदित्य ठाकरे के अयोध्या दर्शन के दौरान अयोध्या जाने से बुलाकर रोका गया.
शिव सेना के विधायक ने पत्र में लिखा है कि सीएम से मिलने में उन्हें दिक्कत होती थी लेकिन कांग्रेस और एनसीपी के लोग आसानी से मिल सकते थे. इसके अलावा फंड भी कांग्रेस-एनसीपी के विधायकों के विधानसभा से जुड़े क्षेत्रों के लिए जारी होता था.
शिंदे ने बागी शिव सेना विधायक का एक पत्र साझा किया है जिसमें शिकायत की गई है कि राज्य में शिव सेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी के विधायक सीएम आवास से नहीं मिल पाते थे और मुख्यमंत्री के आस-पास के लोग तय करते थे कि शिव सेना के विधायक उनसे मिल सकें जिससे पार्टी के विधायक बहुत अपमानित महसूस करते थे.
एक दिन पहले शिव सेना लेजिस्लेचर पार्टी ने 34 विधायकों के हस्ताक्षर के साथ एक रिजॉल्यूशन पास किया जिसमें बागी नेता एकनाथ शिंदे को लीडर बनाने रखने पर समहति बनी है और इस रिजॉल्यूशन को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजा गया है. राज्य में जारी अस्थिरता के बीच शिव सेना ने शिंदे को पार्टी लेजिस्लेटिव पार्टी ली़डर से हटा दिया था लेकिन बागी विधायकों ने एक रिजॉल्यूशन के जरिए फिर शिंदे को लीडर चुन लिया.
शिव सेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को विधायकों का समर्थन बढ़ता जा रहा है. आज (23 जून) सुबह तीन और शिव सेना विधायकों ने शिव सेना नेता शिंदे के नेतृत्व में बागी विधायकों के ग्रुप को असम में ज्वाइन कर लिया है. शिंदे को समर्थन देने के लिए तीनों विधायक असम के गुवाहाटी में रेडिसन ब्लू होटल पहुंचे जहां अन्य विधायक कैंपेन चला रहे हैं.
बुधवार की रात को चार विधायकों ने शिंदे को ज्वाइन किया था. इस प्रकार पिछले 24 घंटे में सात विधायकों ने बागी ग्रुप को ज्वाइन किया. इससे महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार की अस्थिरता और बढ़ गई है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑफिशियल आवास 'वर्षा' को अपने परिवार के साथ बुधवार की रात को ही छोड़ दिया. आधिकारिक आवास छोड़ने से पहले सीएम ठाकरे ने राज्य और शिवसैनिकों को संबोधित किया था. उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि अगर बागी विधायक मुंबई वापस लौटकर उनसे मांग करते हैं तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं. शिव सेना के कार्यकर्ता और समर्थकों ने ठाकरे के समर्थन में नारेबाजी की, जब वह मुख्यमंत्री आवास छोड़ रहे थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक दिन पहले (22 जून) राज्य को संबोधित किया जिसमें उन्होंने कहा कि अगर बागी विधायक सामने आकर उनसे कहते हैं तो वे इस्तीफा देने को भी तैयार हैं. राज्य में गहराते सियासी संकट के बीच ठाकरे ने कहा कि जब अपने दुख पहुंचाते हैं तो अधिक दुख होता है. हिंदुत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि शिव सेना कभी हिंदुत्व के रास्ते से नहीं हटी और शिव सेना व हिंदुत्व दोनों को अलग किया ही नहीं जा सकता है.