Maharashtra Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कल ही होगा. इस तरह, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले पर मुहर लगा दी है. इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का एलान कर दिया है. इतना ही नहीं, इसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने फेसबुक लाइव में इसकी घोषणा की.
शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर आज शाम 5 बजे से सुनवाई हो रही थी. राज्यपाल ने कल यानी 30 जून को सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का एलान कर दिया है. इतना ही नहीं, इसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने फेसबुक लाइव में इसकी घोषणा की.
उद्धव ने समर्थन के लिए शरद पवार और सोनिया गांधी को धन्यवाद दिया और आज बुलाई गई कैबिनेट बैठक में शिवसेना के केवल चार मंत्रियों की मौजूदगी पर दुख जताया. उन्होंने कहा, “मैं यह कहना चाहूंगा कि न तो शिवसेना और न ही कांग्रेस ने नाम बदलने पर आपत्ति जताई.”
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कल ही होगा. इस तरह, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले पर मुहर लगा दी है.
सियासी संकट के बीच महाराष्ट्र सरकार ने दो शहरों और एक एयरपोर्ट का नाम बदलने को मंजूरी दी है.
शिंदे के वकील का कहना है कि फ्लोर टेस्ट का मकसद 'राजनीतिक नैतिकता और जवाबदेही बनाए रखना' है. वकील कौल ने आगे कहा, 'कोई यह नहीं कह रहा है कि राज्यपाल के फैसले की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह ऐसी स्थिति है जहां अदालत राज्यपाल के फैसले को अपने फैसले से बदल देगी?'
शिंदे गुट के वकील कौल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ 39 विधायक हैं और उनमें से 16 को नोटिस दिया गया है. उन्होंने कहा कि असंतुष्ट विधायक 'शिवसेना नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन वे शिवसेना हैं.'
फ्लोर टेस्ट और शिवसेना के बागी विधायकों के आने से पहले मुंबई में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मुंबई पुलिस ने गुरुवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले विधान भवन के पास और उस रास्ते पर जहां शिवसेना के बागी विधायकों को एयरपोर्ट से लाया जा सकता है, सुरक्षा बढ़ा दी है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
इसके अलावा, पुलिस ने पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर CRPC की धारा 144 लागू कर दी है. अधिकारी ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों के मुंबई एयरपोर्ट से विधान भवन परिसर पहुंचने के रास्ते में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे.
एकनाथ शिंदे के वकील कौल ने कहा, ''आज स्पीकर को हटाया जाए या नहीं, इसका टेस्ट से संबंध नहीं हो सकता. आप जितना अधिक फ्लोर टेस्ट में देरी करेंगे, संविधान को उतना ही अधिक नुकसान होगा.'' (Bar & Bench)
शिंदे के वकील ने SC में शिवसेना से कहा, “यदि आप इतने कॉन्फिडेंट हैं (बहुमत को लेकर), तो फ्लोर टेस्ट के लिए आगे आएं. मैंने देखा है कि लोग फ्लोर टेस्ट के लिए अदालत में आते हैं. कभी ऐसी पार्टी नहीं रही जो कोई टेस्ट न मांग रही हो.”
एकनाथ शिंदे के वकील कौल ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी शख्स के अयोग्य करार दिए जाने की संभावना का फ्लोर टेस्ट से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट में और देर नहीं होनी चाहिए. (Bar & Bench)
बागी नेता एकनाथ शिंदे के वकील नीरज कौल ने कहा कि मुख्यमंत्री के सदन का विश्वास खो देने की हालत में फ्लोर टेस्ट बेहद जरूरी हो जाता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर फ्लोर टेस्ट से बचना चाहते हैं तो इसका यही मतलब है कि उन्हें पता है कि वे बहुमत खो चुके हैं. इन हालात में फ्लोर टेस्ट कराना और भी जरूरी हो जाता है. उन्होंने कहा कि जब तक यह साबित नहीं कर दिया जाता कि राज्यपाल का आदेश तार्किक रूप से सही नहीं है, उसमें दखल नहीं दिया जाना चाहिए. (Bar & Bench)
सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के पक्ष रखने के बाद बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे के वकील नीरज कौल अपनी दलीलें रख रहे हैं. कौल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट में जरा भी देर नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अयोग्यता का मामला लंबित होना फ्लोर टेस्ट को टालने का पर्याप्त कारण नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग यानी विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों का सही परीक्षण फ्लोर टेस्ट से ही हो सकता है. (Bar & Bench)
सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले से संतुलन स्थापित करना चाहिए. अगर विधायकों की अयोग्यता का मसला फिलहाल लंबित है तो फ्लोर टेस्ट भी टलना चाहिए. अगर फ्लोर टेस्ट नहीं टाला जाता, तो डिप्टी स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला करने से भी नहीं रोका जाना चाहिए. (Bar & Bench)
शिवसेना के वकील सिंघवी ने कहा कि उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के मामले में कोर्ट ने स्पीकर को विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने से नहीं रोका था. महाराष्ट्र में भी डिप्टी स्पीकर को फैसला लेने से नहीं रोका जाना चाहिए.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि डिप्टी स्पीकर को विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने से नहीं रोका जाना चाहिए. और इस बारे में निर्णय होने तक फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए. सिंघवी ने अपनी दलील के समर्थन में अदालत के पिछले कई फैसलों का हवाला भी दिया.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या शिवसेना के बागी विधायक विपक्ष की सरकार बनवाना चाहते हैं? इसके जवाब में सिंघवी ने कहा, बिल्कुल ऐसा ही है. अपनी चिट्ठी में उन्होंने यही लिखा है. सिंघवी ने यह भी कहा कि जिन विधायकों ने पाला बदल लिया वे लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करते. राज्यपाल को उनकी अयोग्यता के बारे में कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए था. सिंघवी ने जोर देकर कहा कि अगर 30 जून को फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा.
शिवसेना का पक्ष रखते हुए सिंघवी ने कहा कि राज्यपाल ने अस्पताल से आने के दो दिन के भीतर विपक्ष के नेता से मुलाकात की और फ्लोर टेस्ट का फैसला दे दिया. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर राज्यपाल को लगता है, सरकार ने बहुमत खो दिया है और कुछ विधायकों को डिप्टी स्पीकर के ज़रिए अयोग्य करार देने की कोशिश की जा रही है, तो उन्हें क्या करना चाहिए?
अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यपाल की चिट्ठी अदालत में पढ़कर सुनाई और कहा कि इसमें 7 विधायकों की तरफ से समर्थन वापसी की बात कही गई है. राज्यपाल ने यह भी कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि शिवसेना के 34 विधायक साथ छोड़ चुके हैं. सिंघवी ने कहा कि अगर 34 विधायकों ने ऐसा लिखा है, तो सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले के मुताबिक उन्होंने पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है.
शिवसेना की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बागी विधायकों को वोट डालने की छूट देना लोकतंत्र की जड़ों को काटने के बराबर होगा. राज्यपाल ने जल्दबाज़ी में फैसला किया है. उन्हें इस बात पर गौर करना चाहिए था कि कोर्ट ने सुनवाई 11 जुलाई तक के लिए टाल दी है.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि बागी विधायक 21 जून को ही अयोग्य हो चुके हैं. उनके वोट के आधार पर अगर सरकार को सत्ता से बाहर किया गया तो ये गलत होगा. इस पर कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर को बहुमत का समर्थन हासिल है या नहीं, यह अपने आप में विवादित है. इसीलिए अयोग्यता के मसले पर सुनवाई टाली गई है.
सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने पूछा कि विधायकों की अयोग्यता के मसले का इससे क्या संबंध है? जवाब में सिंघवी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट कुछ दिनों के लिए टाल देना चाहिए. कोर्ट ने पूछा, फ्लोर टेस्ट कब करवा सकते हैं, क्या इसको लेकर कोई नियम है? सिंघवी ने कहा, आमतौर पर दो फ्लोर टेस्ट के बीच 6 महीने का अंतर होता है.
शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने 16 विधायकों की अयोग्यता के मसले पर 11 जुलाई तक सुनवाई टाली है. लिहाजा उससे पहले फ्लोर टेस्ट करना पूरी तरह गलत होगा. फ्लोर टेस्ट पर मतदान डिप्टी स्पीकर के फैसले से पहले नहीं होना चाहिए, क्योंकि उनके फैसले के बाद सदन में सदस्यों की संख्या बदल सकती है.
शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के पक्ष में अभिषेक मनु सिंघवी ने ये दलीलें रखी हैं :
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर शिवसेना की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें पेश कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट फ्लोर टेस्ट को लेकर सुनवाई कर रही है. अगर सुप्रीम कोर्ट इस टेस्ट को कराने की मंजूरी दे देती है तो महाराष्ट्र सरकार का भविष्य कल तय होगा. जानिए इस टेस्ट का क्या मतलब है जिसे टालने के लिए ठाकरे सरकार देश की सबसे बड़ी अदालत में है-
महाराष्ट्र सरकार का कल फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
कल महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल के आदेश के खिलाफ शिवसेना की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से ही साफ होगा कि कल महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार को फ्लोर टेस्ट देना होगा या नहीं?
शिवसेना के बागी विधायकों ने गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल को छोड़ दिया है. वे पहले आज गोवा पहुंचेंगे और फिर वहां से कल मुंबई और फिर विधानसभा पहुंचेंगे.
महाराष्ट्र भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने आज राज्य सचिवालय के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत से मुलाकात की और शिवसेना के बागी विधायकों को सुरक्षा देने का आग्रह किया जो 30 जून को विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए राज्य में आने वाले हैं. मुनगंटीवार का कहना है कि राज्य के कुछ विधायकों को स्पष्ट रूप से धमकी दी गई है जिसके चलते अधिकारियों से जरूरी कदम उठाने को कहा गया है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. क्या ठाकरे सरकार इस टेस्ट में पास हो पाएगी?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज शाम पांच बजे कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के जेल में बंद विधायक नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण में भाग लेने की अनुमति मांगने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. दोनों विधायकों पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और वे जेल में हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आज अपने आवास पर बीजेपी नेताओं की बैठक बुलाई है.
शिवसेना के बागी विधायकों को आज गुवाहाटी से गोवा लाया जा रहा है. उन्हें स्पाइसजेट के चार्टर्ड विमान से लाए जाने की खबर है. इससे पहले बागी विधायकों को स्पाइसजेट की स्पेशल चार्टर्ड फ्लाइट से ही सूरत से गुवाहाटी ले जाया गया था.
न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक बागी विधायकों का दल आज गोवा पहुंचेगा. गोवा के ताज रिजॉर्ट्स एंड कंवेंशन सेंटर में 70 कमरे बुक किए गए हैं. इसके बाद वे कल मुंबई पहुंचेंगे और फिर वहां से महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचेंगे,
राज्यपाल के आदेश के बाद बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए गुरुवार को मुंबई में रहने की बात कही है.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कल फ्लोर टेस्ट के लिए महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश देते हुए विधानसभा सचिव को पत्र लिखा है. अगर सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्देश पर रोक नहीं लगाई तो इसी फ्लोर टेस्ट में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार के बहुमत का फैसला होगा. यह विशेष सत्र 30 जून को दोपहर 11 बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित हो सकता है. इसका लाइव टेलीकॉस्ट भी होगा.
शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है. सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर आज शाम 5 बजे सुनवाई होगी. राज्यपाल ने कल यानी 30 जून को सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है, लेकिन शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने उनके इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है.
शिव सेना सांसद संजय राउत केंद्र सरकार पर ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के दम पर ठाकरे सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगा चुके हैं. ईडी ने राउत को भी एक जुलाई को पेश होने का सम्मन भेजा है. ईडी ने उन्हें मनी लांड्रिंग के एक मामले में कुछ दिन पहले भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे तब पेश नहीं हो सके थे. इसके बाद उन्हें एक जुलाई को पेश होने के लिए समन जारी किया गया है.
कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिलवाल द्वारा जारी नोटिस का जवाब देने के लिए बागी नेताओं को 12 जुलाई तक का वक्त दिया था. हालांकि इसके साथ ही कोर्ट विधानसभा में शक्ति परीक्षण पर 11 जुलाई तक रोक लगाने की मांग ठुकरा भी चुका है.
शिव सेना सांसद संजय राउत राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. राउत का कहना है कि जब 16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो राज्यपाल फ्लोर टेस्ट का आदेश कैसे दे सकते हैं. राउत ने कहा कि ऐसा लगता है, राज्यपाल सिर्फ इसी मौके का इंतजार कर रहे थे.
महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के विधानसभा सचिव के नाम अपने पत्र में लिखा है कि शिव सेना के 39 विधायकों ने राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार से बाहर आने का फैसंला किया है. इसके अलावा सात निर्दलीय विधायकों ने 28 जून को राजभवन को एक पत्र भेजा है, जिसमें ठाकरे सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया गया. राज्यपाल कोश्यारी ने इन हालात में फ्लोर टेस्ट जल्द से जल्द कराए जाने की जरूरत बताई है. राज्यपाल ने विधानसभा सचिव को भेजे गए पत्र में कहा है कि 28 जून को विपक्ष के नेता ने उनसे मिलकर राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में जानकारी दी और उन्होंने फ्लोर टेस्ट जल्द से जल्द कराए जाने की मांग की ताकि राजनीतिक सौदेबाजी पर रोक लगाई जा सके.