भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है लेकिन इसने देश को बड़ी पीड़ा से बचाया है. उन्होंने कहा कि देश भर में लागू लॉकडाउन को सिर्फ तभी हटाया जाना चाहिए, जब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित हो जाए. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन (बंद) लागू है. पहले बंद 14 अप्रैल को खत्म होने वाला था, लेकिन बाद में इसे 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया.
संक्रमण मामलों की संख्या नियंत्रण में: रजनीश कुमार
कुमार ने इस बारे में कहा कि ज्यादा धैर्य की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम तब तक बचाव को कम नहीं कर सकते हैं जब तक इस बात का भरोसा नहीं हो जाए कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं और वायरस के प्रसार पर काबू पा लिया गया है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि लॉकडाउन ने भारत को बहुत बड़ी पीड़ा से बचाया है और संक्रमण मामलों की संख्या नियंत्रण में है.
कुमार ने कहा कि जब तक बंद जारी रहेगा, आर्थिक गतिविधियां सुस्त बनी रहेंगी, लेकिन अर्थव्यवस्था में मांग बनी होनी चाहिए और इसके लिए लॉजिस्टिक्स के मामले पर ध्यान दिया जा सकता है. SBI चेयरमैन ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि हम अब इस बात से कुछ ही दिन दूर हैं, जब लॉकडाउन पूरी तरह से हटाया जा सकता है. कुछ राज्य खराब स्थिति में हैं. यह भी सुनिश्चित करना होगा कि देश भर में संक्रमण से मुक्त क्षेत्रों की संख्या बढ़े.
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कुमार ने कहा कि अगर लोग इस दौरान अनुशासन बनाए रखते हैं, तो संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सकता है और नए मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी रुक सकती है उन्होंने कहा कि हमें नतीजे मिल रहे हैं, क्योंकि मरीजों के सही होने की दर 25 फीसदी से ज्यादा है.