आज देश भर में इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए JEE मेन की परीक्षा आयोजित की गई है. यह परीक्षा 6 सितंबर तक चलेगी. कुल 8.58 लाख छात्रों ने परीक्षा में बैठने के लिए रजिस्ट्रेशन किया है. इस साल कोरोना वायरस महामारी की वजह से इंजीनियरिंग में दाखिले की परीक्षा को खास उपायों और सावधानियों के साथ आयोजित किया जा रहा है.
परीक्षा कंद्रों की संख्या बढ़ाई गई
परीक्षा का संचालन करने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने परीक्षा कंद्रों की संख्या को 570 से बढ़ाकर 660 कर दिया गया है. इसके साथ ही एक कमरे में थोड़े छात्रों को बैठाने के ही इंतजाम किए गए हैं. छात्र एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर बैठेंगे. छात्रों के परीक्षा केंद्र में प्रवेश और उनकी तलाशी के नियमों को भी बदला गया है.
कैंडिडेट को अलग-अलग ग्रुप में दाखिल किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन रूम में एंट्री पर उनके शरीर के तापमान को थर्मल गन के जरिए चेक किया जाएगा. अगर उनका तानमान 37.4°C/99.4°F से कम है, तो उन्हें आगे ले जाया जाएगा.
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शरीर का तापमान ज्यादा होने पर अलग से परीक्षा
अगर इससे ज्यादा है, तो उन्हें आइसोलेशन रूम में ले जाया जाएगा. तलाशी और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की सारी प्रक्रिया को 15 से 20 मिनट की अवधि के बाद किया जाएगा. इस बीच उनका तापमान सामान्य भी हो सकता है. अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनकी परीक्षा एक अलग से कमरे में ली जाएगी.
छात्रों को एडमिट कार्ड, मान्य सरकारी आईडी प्रूफ, PwD सर्टिफिकेट आदि दिखाना होगा. वेरिफिकेशन के बाद उपस्थित शिक्षक सीट एलोकेशन चार्ट चेक करेगा और रेल नंबर के मुताबिक परीक्षा के कमरे की ओर भेजेगा. ड्यूटी पर मौजूद शिक्षक रजिस्ट्रेशन रूम के बाहर यह सुनिश्चित करेगा कि पहले छात्र 10 के बैच में जाएं और उसके बाद अगले पांच छात्र कमरे में दाखिल हों.