भारतीय रेलवे ने शुक्रवार से स्पेशल ट्रेन चलाने की शुरुआत की है. गृह मंत्रालय के नियमों और कई राज्य सरकारों की मांगों के मुताबिक आज छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया जा रहा है. रेलवे मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि ये स्पेशन ट्रेन प्रवासी मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों और दूसरे लोगों के लिए चलाई जा रही हैं जो कोरोना की वजह से लागू लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग जगहों पर फंसे हैं.
6 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाने का एलान
रेलवे ने पहली ट्रेन 1,200 मुसाफिरों के साथ हैदराबाद से झारखंड तक शुक्रवार को सुबह 4:50 बजे चला चुका है. रेलवे ने छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का एलान किया है जिसमें लिंगमपल्ली से हटिया, नासिक से लखनऊ, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया शामिल हैं.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी नियमों के मुताबिक शुक्रवार को लेबर डे से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने का फैसला किया गया है जिससे अलग-अलग जगहों पर लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों और दूसरे लोगों को ले जाया जाएगा. इन स्पेशल ट्रेनों को एक जगह से दूसरी जगह संबंधित राज्स सरकारों के आग्रह पर फंसे हुए लोगों को भेजने और प्राप्त करने के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के मुताबिक चलाया जाएगा. रेलवे और राज्य सरकारें इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के सही संचालन और तालमेल के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अफसर नियुक्त करेंगी.
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मुसाफिरों के लिए होंगे नियम
रेलवे द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक इन ट्रेनों के मुसाफिरों को इन्हें रवाना करते समय राज्य स्क्रीनिंग करेंगे और केवल जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण नहीं पाए जाएंगे, उन्हें सफर करने दिया जाएगा.
जो राज्य सरकारें भेज रही हैं, उन्हें इन लोगों को समूहों में लाना होगा और उन्हें रेलवे स्टेशन तक सैनिटाइज्ड बस में लाया जाएगा, जिसमें सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों और दूसरी सावधानियों का पालन किया जाएगा. हर मुसाफिर के लिए फेस कवर पहनना अनिवार्य होगा. मुसाफिरों को खाना और पीने का पानी भेजने वाले स्टेशनों में राज्य सरकार देगी.
(Input: PTI)