वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने GST क्षतिपूर्ति के दूसरे राउंड के तौर पर 16 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों को 6000 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इन राज्यों व प्रदेशों में महाराष्ट्र, पुडुचेरी, बिहार, असम और दिल्ली भी शामिल हैं. केन्द्र ने 23 अक्टूबर के 16 राज्यों व 2 केन्द्र शासित प्रदेशों दिल्ली और जम्मू-कश्मीर को 6000 करोड़ रुपये ट्रान्सफर किए थे.
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘भारत सरकार का वित्त मंत्रालय, जीएसटी कंपन्सेशन सेस में कमी को पूरा करने के लिए राज्यों के लिए अपनी स्पेशल विंडो के तहत दूसरे राउंड के रूप में 16 राज्यों व 3 केन्द्र शासित प्रदेशों को 6000 करोड़ रुपये की धनराशि आज (1 नवंबर) जारी कर रहा है.’
4.42 फीसदी ब्याज दर
मंत्रालय ने कहा है कि यह उधारी 4.42 फीसदी ब्याज पर ली गई है और इसी दर पर राज्यों को भी इसे उधार दिया जाएगा. यह दर राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए बॉरोइंग कॉस्ट से कम है. इसलिए उन्हें फायदा होगा. वित्त मंत्रालय ने अभी तक राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को स्पेशल विंडो के तहत 12000 करोड़ रुपये के लोन दिए हैं.
GST क्षतिपूर्ति राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान
बता दें चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है. केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे. पहला विकल्प है कि राज्य रिजर्व बैंक की एक स्पेशल विंडो के तहत 97 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले सकते हैं, वहीं दूसरा विकल्प है कि वे पूरे 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटा सकते हैं. कुछ राज्यों की मांग के बाद पहले विकल्प के तहत उधार की विशेष कर्ज व्यवस्था को 97 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.
बयान के मुताबिक, केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को उपलब्ध कराए गए विकल्पों में से पहले विकल्प के तहत अब तक 21 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों ने स्पेशल विंडो को चुना है. जिन राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को लोन जारी किया जा चुका है, वे इस तरह हैं- आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी.
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केन्द्र खुद उधार लेकर राज्यों को कर रहा पास
पिछले माह केन्द्र सरकार ने विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों की मांग मानते हुए खुद उधार लेकर इसे राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति में कमी की भरपाई के लिए पास ऑन करने का फैसला किया था. वित्त मंत्रालय ने कहा था कि राज्यों को 1.1 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी क्षतिपूर्ति शॉर्टफॉल का भुगतान करने के लिए केन्द्र बाजार से उधार उठाएगा और उसके बाद बिचौलिए की भूमिका अदा करते हुए राज्य सरकारों को बैक टू बैक लोन की व्यवस्था करेगा.