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Apps Ban: सट्टेबाजी और सूदखोरी में शामिल 232 ऐप्स पर लगी रोक, इस गैरकानूनी धंधे का चीन से है कनेक्शन

Apps Ban: सट्टेबाजी और सूदखोरी में शामिल 138 ऐप के पीछे चीन कनेक्शन होने की बात सामने आई है. इसके अलावा 94 और ऐप को सरकार ने ब्लॉक करने का फैसला लिया है.

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Apps Ban by Centre : देश में ऐप के जरिए हो रहे सट्टेबाजी और सूदखोरी पर रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की गई है. (YoutubeScreenshot/@indianexpress)

Apps Ban by Govt: देश में ऐप के जरिए हो रहे सट्टेबाजी और सूदखोरी पर रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की गई है. केन्द्र सरकार ने इसके लिए 232 विदेशी ऐप पर प्रतिबंध लगाई है. जिनमें सट्टेबाजी ऐप और लोन देने वाले ऐप शामिल है. गैरकानूनी तरीके से लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग, सट्टेबाजी और सूदखोरी जैसे मामले में फंसाने और उनके साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद सरकार ने सख्ती दिखाई है. समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक धोखाधड़ी करने वाले 138 ऐप का कनेक्शन चीन से है. इसके अलावा गलत ढंग से लोगों को शिकार बना रहे 94 ऐप को भी केंद्र सरकार ने ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रानिक एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री (MeitY) ने यह कदम उठाया है. टॉप सरकारी सूत्रों के हवाले से एएनआई ने रविवार को यह जानकारी दी है.

देश की आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा थे ये ऐप्स

पीटीआई के मुताबिक सट्टेबाजी, जुआ, सूदखोरी और गैरकानूनी तरीके से लोन देने में शामिल चीनी कनेक्शन वाले सहित विदेशी संस्थाओं द्वारा संचालित 232 ऐप को सरकार ने ब्लॉक किए हैं. गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद आईटी मंत्रालय (MeitY) ने इन धोखाधड़ी करने वाले ऐप्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए हैं. पीटीआई ने बताया कि सट्टेबाजी, जुआ और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल 138 ऐप को ब्लॉक करने का आदेश इसी शनिवार शाम को जारी किया गया. सरकार ने इसी आदेश में गैरकानूनी तरीके से लोन मुहैया कराने वाले 94 और विदेशी ऐप्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए लिए कहा. इन सभी ऐप्स के पीछे डायरेक्ट -इनडायरेक्ट चीन का कनेक्शन होने की बात सामने आई है. अधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई से कहा कि ये ऐप्स देश की आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रहे थे. MeitY को भेजे गए एक आधिकारिक सवाल पर अभीतक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

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इस धारा के तहत की गई कार्रवाई

सूत्रों के हवाले से एएनआई ने बताया कि इसी हफ्ते गृह मंत्रालय ने सट्टेबाजी और सूदखोरी में लिप्त इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश आईटी मंत्रालय से की. उसके बाद मामले में कार्रवाई शुरू हुई. भारत की संप्रभुता और अखंडता के साथ खिलवाड़ किए जाने की पुष्टि के बाद आईटी अधिनियम की धारा 69 के तहत कथित चीनी ऐप्स को सरकार ने ब्लॉक करने का आदेश जारी किया गया.

चीनी कनेक्शन होने की बात आई सामने

आम लोगों से जबरन वसूली और उत्पीड़न की कई शिकायत मिलने पर सरकार ने मामले में कार्रवाई की है. दरअसल धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों ने उन संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे मोबाइल ऐप के जरिए स्मॉल एमाउंट का लोन लिया था. एएनआई के हवाले, बताया जा रहा है कि सट्टेबाजी और लोन देने वाले संबंधित ऐप्स के पीछे चीन का हाथ है. चीन में बैठे लोगों ने भारतीयों को इन सभी सट्टेबाजी और लोन बांटने वाले ऐप्स को ऑपरेट करने के लिए काम पर रखा है. चीन के लोगों ने इन फर्जीवाड़े वाले ऐप्स के संचालन के लिए भारतीयों को ऑपरेटर डायरेक्टर के तौर पर रखा है.

जानकारी के मुताबिक आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को ये ऐप्स पहले सस्ते दरों पर लोन देने का लालच देते और उसके बाद उनसे सालाना 3,000 फीसदी तक ब्याज बढ़ाकर वसूल रहे थे. कर्ज लेने वाले जब लोन एमाउंट जमा कर दिए और ब्याज नहीं चुका पाए तो इन ऐप को ऑपरेट करने वाले लोगों ने कर्ज में डूबे लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया. उन्होंने ऐसे लोगों को अश्लील मैसेज भेजना शुरू कर दिया. इसके अलावा ब्याज न चुका पाने वाले लोगों की डॉक्टर्ड तस्वीरें (फोटो के साथ छेड़छाड़) जारी करने की धमकी दी. साथ हीं उनके कॉन्टैक्ट पर शर्मसार वाले मैसेज भेजकर परेशान करने की शिकायतें सामने आईं हैं.

खासकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पीड़ित लोगों द्वारा सुसाइड कर लेने के बाद ये मामला सुर्खियों में आया. सट्टेबाजी ऐप, सूदखोरी ऐप और लोन ऐप का विकल्प चुनकर लोगों ने अपने आर्थिक नुकसान के साथ-साथ तंगी के चलते गलत कदम उठा लिये. सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से शिकायत मिलने और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने मामले में इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की. जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय ने 6 महीने पहले 28 चीन कनेक्शन वाले कर्ज उपलब्ध कराने वाले ऐप्स का एनालिसिस शुरू किया था. हालांकि, उन्होंने पाया कि 94 ऐप ई-स्टोर्स पर लोन सेवा उपलब्ध हैं और बाकी दूसरे थर्ड-पार्टी लिंक के जरिए काम कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि कई ऐप स्मार्टफोन के प्लेसस्टोर या ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए अब उपलब्ध नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक सट्टेबाजी ऐप और गेम ऐप अब भी कुछ लिंक या वेबसाइट के जरिए डाउनलोड किए जा रहे हैं.

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First published on: 05-02-2023 at 15:49 IST

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