GoMechanic cooked books, founder admits to grave errors 70% staff sacked : ऑटोमोबाइल आफ्टर सेल्स सर्विस और रिपेयर स्टार्ट-अप गोमेकैनिक (GoMechanic) भारी संकट में घिर गई है. कंपनी ने अपने 70 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, जबकि बाकी 30 फीसदी से कहा गया है कि वे अगले तीन महीनों तक बिना वेतन के काम करें. गोमेकैनिक के को-फाउंडर अमित भसीन ने कंपनी के बही-खातों में हेरा-फेरी की बात मानते हुए इसे ग्रोथ के चक्कर में ‘बहक’ जाना बताया है. गोमेकैनिक में पैसे लगाने वाले तमाम बड़े निवेशकों ने मिलकर कंपनी का फॉरेंसिक ऑडिट कराने का फैसला किया है. छंटनी और वेतन न देने के एलान से कंपनी के 1000 कर्मचारियों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया है.
ग्रोथ के चक्कर में ‘बहक’ गए थे : अमित भसीन
गोमेकैनिक के को-फाउंडर अमित भसीन ने लिंक्डइन (LinkedIn) पर जारी पोस्ट में कहा है कि कंपनी के फाउंडर ग्रोथ के मौके खोजने के चक्कर में ‘बहक गए’ थे. भसीन ने इस पोस्ट में लिखा है, “इस सेक्टर की चुनौतियों से निपटने और पूंजी का इंतजाम करने के पैशन में हमसे गलती हो गई. हम किसी भी कीमत पर ग्रोथ को कायम रखना चाहते थे और इसी चक्कर में हमसे गलत फैसले हो गए, जिसमें फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में हुई गलतियां भी शामिल हैं. हम इस पर गंभीरता से खेद जाहिर करते हैं.” हालांकि भसीन ने अपनी पोस्ट में यह जानकारी नहीं दी है कि कंपनी ने फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में किस तरह की गड़बड़ियां की हैं.
हम हालात की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं : अमित भसीन
अमित भसीन ने आगे लिखा है, “हमने मौजूदा हालात की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए सर्वसम्मति से बिजनेस को री-स्ट्रक्चर करने का फैसला किया है. इस बीच हम पूंजी की समस्या का समाधान भी तलाश रहे हैं. यह री-स्ट्रक्चरिंग तकलीफदेह होने वाली है और दुर्भाग्य से हमें अपने करीब 70 फीसदी कर्मचारियों को निकालना पड़ेगा. इसके अलावा एक थर्ड-पार्टी फर्म पूरे बिजनेस का ऑडिट करेगी.” भसीन ने कहा है कि गोमेकैनिक एक ऐसे प्लान पर काम कर रही है, जो मौजूदा हालात में सबसे ज्यादा व्यावहारिक हो सकता है. साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया है कि कंपनी के फाउंडर्स ने कभी ऐसे हालात की कल्पना भी नहीं की थी.
इनवेस्टर्स ने किया फॉरेंसिक ऑडिट का एलान
जिसके करीब दो साल बाद एकाउंट्स में धांधली किए जाने का पता चला है. कंपनी के मौजूदा हालात के बार में प्रमुख इनवेस्टर्स की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, “गोमेकैनिक के इनवेस्टर्स को हाल ही में कंपनी के फाउंडर्स से फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में गंभीर गड़बड़ियों के बारे में जानकारी मिली. हमें इस बात से बेहद हैरान हैं कि फाउंडर्स ने जानबूझकर गलत जानकारी दी. कंपनी के फाउंडर्स ने स्वीकार किया है कि इन गलत जानकारियों में रेवेन्यू को बढ़ा-चढ़ाकर बताना भी शामिल है.” निवेशकों की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सभी इनवेस्टर्स ने मिलकर पूरे मामले की जांच के लिए एक थर्ड-पार्टी फर्म को नियुक्त किया है और इस बारे में आगे कोई भी कदम सभी निवेशक मिलकर उठाएंगे. हरियाणा के गुड़गांव की इस कंपनी पर अभी करीब 120 करोड़ रुपये का कर्ज है जबकि करीब एक-तिहाई रकम का रीपेमेंट बकाया है.
जून 2021 में जुटाए थे 42 मिलियन डॉलर
गोमेकैनिक ने जून 2021 में कई बड़े इनवेस्टर्स से सीरीज सी फंडिंग के तहत 42 मिलियन डॉलर यानी करीब 341 करोड़ की रकम जुटाई थी. इस स्टार्टअप के इनवेस्टर्स में सिक्वोइया कैपिटल (Sequoia Capital), टाइगल ग्लोबल (Tiger Global), ओरियस वेंचर पार्टनर्स (Orios Venture Partners) और चित्राती वेंटर्स (Chiratae Ventures) जैसे बड़े निवेशक शामिल हैं .
2016 में हुई थी गोमेकैनिक की शुरूआत
अमित भसीन ने कुशाल कर्वा, नितिन राणा और ऋषभ कर्वा के साथ मिलकर 2016 में ऑटोमोबाइल रिपेयर स्टार्टअप के रूप में गोमेकैनिक की स्थापना की थी. कंपनी का मकसद कार मालिकों को उनके इलाके में मौजूद कार रिपेयर करने वालों के साथ जोड़ना था. इसके अलावा कंपनी अपनी वेबसाइट और ऐप के जरिए ओरिजनल ऑटो स्पेयर पार्ट्स और एक्सेसरीज भी बेचती रही है.
(Input : PTI)