Adani Group crisis : Finance Minister’s first comments, Finance Secy, DIPAM Secy also assure investors: अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट को विपक्ष की तरफ से बढ़-चढ़कर मुद्दा बनाए जाने के बाद शुक्रवार को केंद्र सरकार भी इस मसले पर काफी सक्रिय नजर आई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर वित्त सचिव टीवी सोमनाथन और DIPAM सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय तक ने इस मुद्दे पर बयान देकर लोगों को भरोसा दिलाया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी बैंक और वित्तीय संस्थान पूरी तरह सुरक्षित हैं. इसके साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) जैसे सरकारी बैंकों के टॉप मैनेजमेंट ने भी इस मुद्दे अपना पक्ष रखकर बाजार में फैली बेचैनी को कम करने की कोशिश की है. हालांकि संसद के भीतर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अडानी ग्रुप के संकट से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.
भारत का फाइनेंशियल सेक्टर काफी मजबूत : वित्त मंत्री
अडानी ग्रुप विवाद के संदर्भ में पहली बार टिप्पणी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि एलआईसी (LIC) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) जैसे सरकारी संस्थानों के मैनेजमेंट पहले ही साफ कर चुके हैं कि अडानी ग्रुप में उनका एक्सपोजर हद से ज्यादा नहीं है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा कि न सिर्फ भारतीय बैंकों और फाइनेंशियल सेक्टर की बुनियाद बेहद मजबूत है, बल्कि उनका रेगुलेशन भी बेहतर ढंग से किया जाता है.
किसी एक मुद्दे को नहीं मान सकते गवर्नेंस का प्रतीक : वित्त मंत्री
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि किसी एक मसले की दुनिया भर में भले ही कितनी भी चर्चा हो रही हो, उसे भारत के फाइनेंशियल मार्केट के गवर्नेंस का प्रतीक नहीं कहा जा सकता. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बारे में एसबीआई और एलआईसी दोनों ने विस्तृत बयान जारी करके साफ कर दिया है कि उनका एक्सपोजर अधिक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा है कि उनका एक्सपोजर लिमिट के भीतर ही है और अपने निवेश पर उन्हें मुनाफा हो रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत का बैंकिंग सेक्टर बेहद आरामदेह और मजबूत स्थिति में है और वे यह बयान बेहद जिम्मेदारी के साथ दे रही हैं.
अडानी संकट महज ‘प्याले में तूफान’ : वित्त सचिव
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में पिछले कुछ दिनों के दौरान आई तेज गिरावट को सरकार के लिए चिंता की वजह मानने से साफ इनकार करते हुए कहा कि यह किसी प्याले में तूफान आने (storm in a tea cup) जैसी बात है.
दिया. सोमनाथन ने कहा कि शेयर मार्केट में होने वाली उथल-पुथल सरकार के लिए चिंता का कारण नहीं है. इन बातों का ध्यान रखने और जरूरी कदम उठाने की जिम्मेदारी स्वतंत्र रेगुलेटर्स की है. अडानी ग्रुप पर लगे फ्रॉड के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत के सरकारी वित्तीय संस्थान बेहद मजबूत हैं. लिहाजा, डिपॉजिटर्स, पॉलिसी-होल्डर्स या शेयरधारकों को उनकी वित्तीय स्थिरता को लेकर जरा भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी भी एक कंपनी के शेयर मैक्रो लेवल यानी बड़े पैमाने पर असर नहीं डाल सकते. लिहाजा इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
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परेशान न हों LIC के शेयरहोल्डर और ग्राहक : तुहिन कांत पांडेय
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि LIC के शेयरधारकों और ग्राहकों को अडानी के बारे में परेशान होने की जरूरत नहीं है! एलआईसी ने साफ कर दिया है कि अडानी समूह की कंपनियों में उनका एक्सपोजर शेयरधारकों और ग्राहकों के लिए चिंता की वजह नहीं होना चाहिए. एलआईसी एक लॉन्ग टर्म इनवेस्टर है, जिसका पोर्टफोलियो काफी डाइवर्सिफाइड है. 30 जनवरी को जारी एक बयान में एलआईसी ने कहा था कि 31 दिसंबर 2022 को अडानी ग्रुप की कंपनियों में इक्विटी और डेट मिलाकर उसकी कुल होल्डिंग 35,917.31 करोड़ रुपये की थी.