
Farmers Protest: नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटे किसान पीछे हटने को राजी नहीं हैं. किसानों के साथ मसला सुलझाने के लिए गुरुवार को केन्द्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत होने वाली है. इससे पहले, मंगलवार को सरकार और 35 किसान संगठनों के नेताओं के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ हुई बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी.इस बीच क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रेसिडेंट दर्शन पाल ने कहा है कि उनकी मांग है कि केन्द्र सरकार नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए. उन्होंने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा. प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर केंद्र तीनों नए कानूनों को वापस नहीं लेगा तो किसान अपनी मांगों को लेकर आगामी दिनों में और कदम उठाएंगे. प्रेस कांफ्रेंस के पहले करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक की, जिसमें भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए.
5 दिसंबर को जलेंगे पुतले
पाल ने कहा है कि 5 दिसंबर को देश भर में मोदी सरकार और कॉर्पोरेट हाउसेज के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा और पुतले जलाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ के टिकैत के साथ बातचीत हो चुकी है और वे सहयोग के लिए तैयार हैं. लोक संघर्ष मोर्चे की प्रतिभा शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र के हर जिले में 3 दिसंबर को और गुजरात के हर जिले में 5 दिसंबर को पुतले जलाए जाएंगे. कल सरकार के पास इन कानूनों को रद्द करने का आखिरी मौका है और अगर सरकार ने इन कानूनों को रद्द नहीं किया तो यह आंदोलन बढ़ता जाएगा और सरकार गिर जाएगी.
बुराड़ी में जमा किसान नाराज
वहीं दूसरी ओर बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्रांउड में पहुंच चुके ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमेटी के कन्वेनर सरदार वीएम सिंह ने कहा कि गृह मंत्री ने कहा था कि सरकार उन किसानों से बात करेगी, जो बुराड़ी में बैठेंगे. उनकी अपील के बाद उत्तराखंड और यूपी के किसान निरंकारी ग्राउंड में आ गए लेकिन सरकार ने हमें एक दिन बाद बातचीत के लिए नहीं बुलाया. यह दर्शाता है कि सरकार उनसे बात करेगी जो कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं. अब सरकार ने यूपी और उत्तराखंड किसानों को धोखा दिया है, इसलिए बुराड़ी में बैठे रहने का कोई मतलब नहीं है.
तीन और बॉर्डर बंद
Tikri border, Jharoda Border, Jhatikra Border are closed for any traffic movement. Badusarai Border is open only for two-wheeler traffic: Delhi Traffic Police https://t.co/RExg11vRbH
— ANI (@ANI) December 2, 2020
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