Farmers Protest: MSP समेत कई मांगों को लेकर किसान संगठनों ने केन्द्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आज देशभर में प्रदर्शन करने का एलान किया है. किसान आंदोलन के दो साल पूरे होने के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से देशभर में राजभवनों तक मार्च निकाले जाएंगे. किसान संगठनों का आरोप है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अन्य मांगों को पूरा करने के लिखित आश्वासन के बाद भी केन्द्र सरकार ने कुछ भी नहीं किया है.
वादा खिलाफी का आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने उन्हें लिखित में दिया था कि वह चर्चा करके फसलों के लिए MSP कानून बनायेंगे, लेकिन सरकार की ओर से इसके लिए अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. मोल्लाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह किसान और देशद्रोही है. मोल्लाह ने सरकार पर कॉरपोरेट्स के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है और न ही उसका इरादा किसानों की मांगों को पूरा करने का है. मोल्लाह लखनऊ में होने वाले किसान मार्च में शामिल होंगे.
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एक साल तक चला आंदोलन
26 नवंबर 2020 को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर के नीचे पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर एक साल से ज्यादा वक्त तक दिल्ली के बॉर्डरों पर विरोध प्रदर्शन किया था. किसानों के प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी, जिसके बाद किसानों ने आंदोलन खत्म कर दिया गया था. हाल ही में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के वरिष्ठ नेता ने गुरुवार को मोहाली में मीटिंग के बाद देशभर में मार्च निकालने का फैसला किया था.