
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा के किसानों का दिल्ली कूच हिंसक होता दिख रहा है. हरियाणा के पंजाब से लगते बॉर्डर सील हैं और अंबाला के शंभू बॉर्डर पर किसान इकट्ठा हो गए हैं. पंजाब से हजारों ट्रैक्टर ट्रॉलियों में राशन, पानी, डीजल, जरूरी सामान और दवाएं साथ लेकर किसान दिल्ली की तरफ कूच करने को तैयार हैं.
दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन के चलते कड़ी सुरक्षा और बैरिकेडिंग की गई है. अकाली दल के प्रमुख ने ट्वीट कर कहा कि आज पंजाब का 26/11 है. वे किसानों के लोकतांत्रिक विरोध के अधिकार का अंत देख रहे हैं. अकाली दल हरियाणा सरकार और केंद्र का किसानों के शांतिपूर्ण विरोध को दबाने के लिए खंडन करता है. पंजाब के किसानों के अधिकारों को उनके खिलाफ वाटर कैनन का इस्तेमाल करके दबाया नहीं जा सकता.
#WATCH Haryana: Police use water cannon & tear-gas shells in Karnal to disperse farmers from Punjab heading towards Delhi.
Security increased further at Delhi-Karnal Highway as farmers intensify their protest by trying to break through barricades & move towards Delhi. pic.twitter.com/5xyCelzRWc
— ANI (@ANI) November 26, 2020
किसानों को रोकना संविधान की धारणा के खिलाफ: अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान यहां केंद्र द्वारा लाए गए बिलों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आप राजधानी में जा रहे लोगोंं को रोक नहीं सकते जो अपने विचारों को प्रकट कर रहे हैं. आप उन्हें क्यों रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को रोकना संविधान की भावना और इस देश की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है.
पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए अंबाला-कुरुक्षेत्र नेशनल हाइवे पर रोक लगाई तो किसानों ने गुस्से में आकर बैरिकेडिंग उठाकर फ्लाइओवर से नीचे फेंक दिए. प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंकने भी शुरू कर दिए हैं.
#WATCH Farmers' protest continues at Shambhu border, near Ambala (Haryana) as police stop them from proceeding to Delhi pic.twitter.com/UtssadGKpU
— ANI (@ANI) November 26, 2020
हरियाणा पुलिस ने पंजाब के किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. किसान ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत कथित तौर पर पुलिस अवरोधक लांघ कर हरियाणा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे.
#WATCH | Security personnel use fire tear gas shells to disperse a crowd of farmers gathered at the Shambhu border between Haryana and Punjab, to protest the farm laws pic.twitter.com/11NfwLcEQZ
— ANI (@ANI) November 26, 2020
बता दें कि देश के करीब 500 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया है, जिसके नेतृत्व में किसान 26 और 27 नवंबर को दिल्ली कूच कर रहे हैं. ‘ऑल-इंडिया किसान संघर्ष कोआॅर्डिनेशन कमेटी’, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न तबकों ने केन्द्र पर हाल के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया है. किसान संगठनों ने कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी जाते हुए, उन्हें जहां कहीं भी रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर शंभू अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. किसानों ने घग्गर नदी में पुलिस बैरिकेड को फेंक दिया. कई किसान हाथ में काले झंडे लिए भी नजर आए. एक किसान का कहना है, ‘‘यह निंदनीय है कि हरियाणा पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठे हुए प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए ऐसे उपाय कर रही है. हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन वे विरोध करने के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने से हमें रोकना चाहते हैं.’’ इससे पहले अंबाला के मोहरा गांव में भी किसानों के एक समूह ने अवरोधक लांघने की कोशिश की थी और वहां भी पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछार की थी. हरियाणा के करनाल की कर्णा लेक इलाके के पास भी किसान बड़ी संख्या में इकट्ठे हैं.
दिल्ली पुलिस ने किसानों के अनुरोध किए थे खारिज
हरियाणा ने गुरुवार को पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है. सीमाएं 27 नवंबर को भी सील रहेंगी. वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा था कि उसने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया है औरकोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़ा करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
किसानों के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो की सेवाएं बाधित हुई हैं. पड़ोसी राज्यों के शहरों तक मेट्रो सेवा दोपहर 2 बजे तक सस्पेंड कर दी गई है ताकि मेट्रो में भीड़ न हो सके और किसान दिल्ली न पहुंच सकें. दिल्ली मेट्रो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
Due to Kisan Rally call for Delhi, on the request of Delhi Police & to avoid overcrowding in view of ongoing COVID pandemic, services will be regulated tomorrow from resumption early in the morning till 2PM through loops. After 2PM, services will run on all lines from end to end. pic.twitter.com/XNrsAVpTEq
— Delhi Metro Rail Corporation I कृपया मास्क पहनें???? (@OfficialDMRC) November 25, 2020
पंजाब के किसानों और केन्द्र की बातचीत 3 दिसंबर को
केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसानों को तीन दिसंबर को दूसरे दौर की बातचीत के लिए बुलाया है. केंद्र ने अब यूनियनों को मंत्रिस्तरीय बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. इससे पहले पंजाब के किसान नेताओं ने सोमवार को अपने ‘रेल रोको’ आंदोलन को वापस लेने की घोषणा करते हुए एक और मंत्रिस्तरीय बैठक की शर्त रखी थी. इसके बाद किसानों ने अपने करीब दो माह के रेल रोको आंदोलन को वापस लेते हुए सिर्फ मालगाड़ियों के लिए रास्ता खोल दिया है.
पंजाब के किसान नए कृषि कानूनों को हटाने और उनके स्थान पर नए कानून लाने की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि नए कानून सभी अंशधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लाए जाने चाहिए. इसके अलावा किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मोर्चे पर भी गारंटी चाहते हैं. उनको आशंका है कि इन कानूनों से एमएसपी समाप्त हो सकता है, हालांकि केंद्र ने इस आशंका को खारिज किया है.
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