
Farmers’ Protest: कृषि कानूनों को लेकर चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को हुई 7वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. अब अगली बैठक 8 जनवरी को होगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर; रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री एवं पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने विज्ञान भवन में 40 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की.
बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि हमारी मांगों पर चर्चा हुई. इनमें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी का मुद्दा शामिल रहा. दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. हमने बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं. अखिल भारतीय किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी हनान मुल्लाह ने कहा कि सरकार भारी दबाव में है. हम सभी ने कहा है कि नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की हमारी मांग है. हम इसके अलावा किसी दूसरे मसले पर चर्चा नहीं करना चाहते. जब तक तीनों नए कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन नहीं रोका जाएगा.
बैठक खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि किसान संगठन तीनों कानूनों पर क्लॉज के हिसाब से चर्चा करें. किसान संगठन तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे, लिहाजा हम किसी समाधान पर नहीं पहुंच सके.
सूत्रों का कहना है कि मौजूदा प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के साथ इस बैठक की शुरुआत हुई. इससे पहले, सरकार और किसान संगठनों के बीच छठें दौर की वार्ता 30 दिसंबर को हुई थी. उस दौरान पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने और बिजली पर रियायत जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बनी थी. हालांकि, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और फसल की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को लेकर कानूनी गारंटी पर अब तक कोई सहमति नहीं बन पायी है.
दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन जारी
केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से ज्यादा समय से हजारों किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान हैं. राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में भीषण ठंड के अलावा पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और प्रदर्शन स्थल पर जलजमाव के बावजूद किसान अपनी मांग पर डटे हुए हैं. सितंबर 2019 में लागू नए कृषि कानूनों के बारे में केंद्र सरकार का कहना है कि इससे कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी. लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसानों को आशंका है कि इन कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था कमजोर होगी और वे बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे.
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रविवार को हुई थी कृषि मंत्री और रक्षा मंत्री की मुलाकात
सूत्रों ने बताया कि कृषि मंत्री तोमर ने रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी मौजूदा संकट के जल्द समाधान के लिए सरकार की रणनीति पर चर्चा की. इस दौरान संकट का समाधान निकालने के लिए बीच का कोई रास्ता निकालने को लेकर सभी मुमकिन विकल्पों पर चर्चा की गई. सरकार ने कहा है किसानों की आशंकाएं निराधार हैं और कानूनों को निरस्त करने से इनकार किया है. कई विपक्षी दलों और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने भी किसानों का समर्थन किया है, वहीं कुछ किसान संगठनों ने पिछले कुछ हफ्तों में कृषि मंत्री से मुलाकात कर तीनों कानूनों को अपना समर्थन दिया.
Input: PTI
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