जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज शनिवार (7 मई) को मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी शाओमी इंडिया (Xiaomi India) के आरोपों को खारिज करने के साथ ही बेबुनियाद बताया है. शाओमी इंडिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा था कि उनकी कंपनी के अधिकारियों के बयान दबाव में दर्ज करवाए गए हैं और बेंगलूरु में ईडी के जांचकर्ताओं से पूछताछ के दौरान कंपनी के शीर्ष अधिकारियों को मारपीट के अलावा दबाव बनाकर उन्हें धमकाया गया.
अब इस आरोप पर ईडी ने सफाई पेश की है. बता दें कि पिछले महीने 29 अप्रैल को ईडी ने शाओमी इंडिया के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये की राशि को भारत के विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (FERA) नियमों का उल्लंघन करने के मामले में जब्त करने का आदेश दिया था. हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ईडी के इस आदेश पर इस हफ्ते रोक लगा दी है. शाओमी इंडिया चीनी कंपनी शाओमी की भारतीय इकाई है.
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ई़डी ने पेश की अपनी सफाई
शाओमी के आरोपों पर ईडी ने एक बयान जारी कर कहा कि ईडी एक पेशेवर एजेंसी है जो कामकाजी नैतिकता का पूरा ध्यान रखती है और कंपनी के अधिकारियों को किसी भी वक्त धमकाया नहीं गया और न ही उन पर दबाव बनाया गया. बयान के मुताबिक यह आरोप पूरी तरह गलत है कि शाओमी इंडिया के अधिकारियों के बयान ईडी ने दबाव में दर्ज करवाए हैं. शाओमी इंडिया के अधिकारियों ने ईडी के समक्ष और फेमा कानून के तहत बयान अपनी मर्जी से दर्ज करवाए हैं.
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ईडी ने जब्त किए थे 5551 करोड़, कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाई रोक
चीन की मोबाइल बनाने वाली दिग्गज कंपनी श्याओमी के बैंक खातों में जमा 5551 करोड़ रुपये पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिए थे लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने अभी इस फैसले पर रोक लगा दिया है. ईडी ने चीनी कंपनी के खिलाफ यह सख्त कार्रवाई विदेशी मुद्रा के एक्सचेंज से जुड़े कानून FEMA के उल्लंघन के आरोप में किया था. Xiaomi India ने ट्वीट के जरिए अपनी सफाई देते हुए कहा था कि उसके खिलाफ की गई कार्रवाई गलतफहमी का नतीजा है, जिसे दूर करने की कोशिश की जाएगी. वहीं ईडी के मुताबिक चीनी कंपनी पर फरवरी में गैरकानूनी रूप से फंड्स को विदेश भेजने का आरोप लगा. जिसके बाद इस आरोप की जांच-पड़ताल की गई और तब जाकर ईडी ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) की धाराओं के तहत यह कार्रवाई हुई.
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(इनपुट: पीटीआई)