Elon Musk on Friday sacked almost 50 per cent of Twitter’s workforce globally: एलन मस्क ने शुक्रवार को दुनिया भर में ट्विटर के लिए काम कर रहे करीब 50 फीसदी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर खुद एलन मस्क ने यह जानकारी दी है. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स ने इस बात की पुष्टि की है कि कंपनी की तरफ से विभिन्न देशों के कर्मचारियों को ट्विटर छोड़ने के लिए कहा गया था. भारत में भी ट्विटर के साथ जुड़े ज्यादातर कर्मचारियों को कंपनी छोड़ने के लिए कहा गया.
कर्मचारियों के छटनी की ये है वजह
भारत समेत दुनियाभर में माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफार्म ट्विटर के कर्मचारियों की छंटनी के बीच इसके नए मालिक एलन मस्क ने अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा है कि कंपनी हर दिन लाखों डॉलर का नुकसान झेलने की स्थिति में थी ऐसे में कंपनी के पास छंटनी के अलावा कोई और बेहतर विकल्प नहीं बचा था. ट्विटर को अप्रैल-जून की तिमाही में 27 करोड़ डॉलर का नेट घाटा हुआ था. जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में उसे 6.6 करोड़ डॉलर का लाभ हुआ था. मस्क ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि ट्विटर के वर्कफोर्स में कटौती का जहां तक सवाल है तो कंपनी 40 लाख डॉलर रोजाना नुकसान उठा रही थी. ऐसे में कर्मचारियों की छटनी के सिवाय कंपनी के पास कोई और विकल्प नहीं बची थी. उन्होंने आगे लिखा कि ‘कंपनी से निष्काषित कर्मचारियों को 3 महीने की सेवरेंस पैकेज (Severance Packages) यानी सैलरी दी गई है जो कानूनी रूप से जरूरी सीमा से 50 फीसदी अधिक है.
200 से अधिक भारतीय कर रहे थे ट्विटर के लिए काम
एलन मस्क ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू की है. ट्विटर ने वैश्विक स्तर पर वर्कफोर्स में कमी करने की योजना के तहत भारत में अपने ज्यादातर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इस छंटनी से पहले भारत में कंपनी के 200 से अधिक कर्मचारी काम रहे थे. मस्क ने पिछले हफ्ते ट्विटर का अधिग्रहण सौदा पूरा करने के साथ ही इसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पराग अग्रवाल और कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निकाल दिया था.
ट्विटर ने कितना दिया सेवरेंस पैकेज ?
हालांकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि ट्विटर से हटाए गए भारतीय कर्मचारियों को सेवरेंस पैकेज के तौर पर कितना पेमेंट किया गया है. इस बीच मस्क ने कंपनी की इनकम में कमी के लिए ‘एक्टिविस्ट’ को जिम्मेदार ठहराया है. एलन मस्क ने कहा कि एक्टिविस्ट समूह ने विज्ञापनदाताओं पर भारी दबाव बनाया, जिससे ट्विटर की इनकम में भारी कमी हुई. यहां तक कि कंटेंट की निगरानी से भी कुछ नहीं बदला.
(इनपुट: भाषा)