India CSR Outlook Report: बिजनेस वायर इंडिया सीएसआरबॉक्स ने आज ‘इंडिया सीएसआर आउटलुक रिपोर्ट’ जारी की है. यह उनकी सालाना रिपोर्ट सीरिज की 8वीं रिपोर्ट है. इस रिपोर्ट में देश की 301 बड़ी कंपनियों के CSR स्पेंड के बारे में बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक RIL, HDFC बैंक, TCS, ONGC और टाटा स्टील सामाजिक कामों पर खर्च करने में सबसे आगे रहने वाली कंपनियां है. इस रिपोर्ट में 301 कंपनियों को शामिल किया गया है. इन कंपनियों में से 37.87% ने अपने निर्धारित सीएसआर बजट से अधिक खर्च किया, वहीं 32.89% ने निर्धारित सीएसआर राशि के बराबर खर्च किया, जबकि 29.24% कंपनियों ने निर्धारित बजट से कम खर्च किया.
CSR के तहत कुल 12,260 करोड़ रुपये खर्च
रिसर्च के मुताबिक देश की 301 बड़ी कंपनियों ने CSR के तहत कुल 12,260 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो वित्त वर्ष 21-22 के लिए निर्धारित राशि 12,119 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इन कंपनियों में से 43.5% कंपनियों के हेड ऑफिस महाराष्ट्र में है, जबकि कर्नाटक में 9.97% और दिल्ली में 9.3% कंपनियों के हेड ऑफिस हैं.
ये कंपनी हैं टॉप-5
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, ओएनजीसी और टाटा स्टील की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों ने सीएसआर में तय राशि से ज्यादा खर्च किया है. ये कंपनियां देश में CSR के मामले में टॉप 5 पोजिशन पर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इन पांच कंपनियों की कुल सीएसआर खर्च में एक चौथाई से ज्यादा की हिस्सेदारी है.
कुल सीएसआर फंड का 70% कवर
रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी उन्मूलन, हेल्थ केयर, वॉश, एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट और ग्रामीण विकास की प्राथमिकता वाले विषयगत क्षेत्रों के रूप में उभरे हैं, जो संयुक्त रूप से भारत के कुल सीएसआर फंड का 70% कवर करते हैं. इस रिपोर्ट के लिए 301 कंपनियों को तय मानदंडों के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया था, जैसे कि 1 करोड़ रुपये वाली कंपनी या फिर जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष में निर्धारित सीएसआर से ऊपर अधिक खर्च किया हो.
देश के सबसे बड़े सीएसआर फोरम ‘India CSR Summit 2022 – IX’ में सीएसआर आउटलुक रिपोर्ट पेश करते हुए सीएसआरबॉक्स के फाउंडर और सीईओ भौमिक शाह ने कहा कि “रिपोर्ट पेज/ ईयर पर एक मिलियन से अधिक हिट के साथ भारत सीएसआर आउटलुक रिपोर्ट ने भारत में सीएसआर बिरादरी, गैर-लाभकारी, परोपकारी, राज्य एजेंसियों और सामाजिक प्रभाव पेशेवरों द्वारा एक बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट बन गई है.
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सीएसआर इन्वेस्टमेंट में 2 फीसदी का इजाफा
उन्होंने कहा कि सीएसआर इन्वेस्टमेंट में 2 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है, जबकि कुछ कंपनियों ने इससे भी ज्यादा खर्च किया है. उन्होंने बताया कि कंपनियों ने एजुकेशन, हेल्थ केयर और रोजगार से जुड़े सेक्टर पर खासा ध्यान दिया है. इसके साथ ही कंपनियां कॉर्पोरेट सेक्टर में भी विविधता लाने की कोशिश कर रही हैं.
2015 में हुई थी CSRBOX की स्थापना
भौमिक शाह एक सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी प्रोफेशनल हैं, जिनके पास सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी प्रैक्टिस में पंद्रह साल का एक्सपीरियंस है. उन्होंने बताया कि कंपनियों, innovators और सामाजिक कार्यों में लगे संगठनों को एक साथ लाने के लिए 2015 में CSRBOX की स्थापना की थी.
रिपोर्ट में दी गई कुछ अहम जानकारियां
- पब्लिक सेक्टर अंडटेकिंग कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में कुल सीएसआर का 26.23 फीसदी हिस्सा खर्च किया है.
- ऑयल ड्रिलिंग लुब्रिकेंट एंड पेट्रोकेमिकल्स, बैंकिंग और फाइनेंस, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और आईटी क्षेत्र की कंपनियां की संयुक्त रूप से देश के कुल CSR में 50 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी रही है.
- महाराष्ट्र, ओडिशा और दिल्ली को देश के कुल सीएसआर का लगभग एक चौथाई हिस्सा मिला है.
- SDG 3 (अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण), SDG 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) और SDG 1 (कोई गरीबी नहीं) केंद्रित SDG के रूप में उभरे, जिन्होंने मिलकर भारत के कुल CSR फंड का 65% प्राप्त किया.
- CSR प्रोजेक्ट्स का लगभग 47.3 फीसदी कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा किया गया है.
- वहीं वास्तविक सीएसआर खर्च का केवल 5% आकांक्षी जिलों के लिए आवंटित किया गया था.
- मॉयल लिमिटेड ने निर्धारित राशि का 388.76% खर्च किया है. इसके बाद वेदांत लिमिटेड ने 368.32% और कुद्रेमुख आयरन ओर कंपनी लिमिटेड ने 305.68% खर्च किया है.
- वास्तविक सीएसआर खर्च का केवल 2.4% पूर्वोत्तर राज्यों के लिए आवंटित किया गया था, सीएसआरबॉक्स भारत का अग्रणी सीएसआर ज्ञान और प्रभाव खुफिया संचालित मंच है जो सफलता के प्रभाव को प्राप्त करने में मिशन संचालित संगठनों और परोपकारी लोगों का समर्थन और सहायता करता है.
इन कंपनियों में सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही युवाओं की टीम समुदाय की जरूरतों को समझती हैं. उन्हें अपने टारगेट के बारे में जानकारी है और वो उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.