सभी लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि कोविड-19 वैक्सीन सबसे पहले किसे मिलेगी. नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने बताया कि 1 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को शुरुआती चरण में प्राथमिकता दी जाएगी. डॉ वी के पॉल वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप के प्रमुख भी हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ पॉल ने बताया कि वैक्सीन की प्राथमिकता इस आधार पर दी जाएगी कि कौन लोग मृत्यु के ज्यादा जोखिम वाले हैं.
वैक्सीन के वितरण के लिए पर्याप्त संसाधन
डॉ पॉल ने जोर दिया कि वैक्सीन के वितरण के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि भारत में तीन वैक्सीन की टेस्टिंग जारी है. दो अतिरिक्त वैक्सीन को हाल ही में ट्रायल के लिए हरा झंडा दिखाया गया है. हालांकि, ट्रायल अभी शुरू होना है. लेकिन हमारे पास तीन वैक्सीन हैं जो ह्यूमन ट्रायल के लिए हैं. उन्होंने आगे बताया कि इनमें से दो स्वदेशी वैक्सीन- Cadila और ICMR भारत हैं. वे दूसरे फेज के अंतिम स्टेज में हैं और नतीजा जल्द उपलब्ध होगा और फिर तीसरे फेज का ट्रायल शुरू होगा.
इस बीच सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया AstraZeneca और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन के लिए तीसरे चरण के ट्रायल का संचालन कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन रिसर्च और डेवलपमेंट के सबसे एडवांस्ड स्टेज में है. अगर ट्रायल कामयाब होते हैं, तो टीकाकरण की संभावना बढ़ जाती है.
लेकिन डॉ पॉल ने वैक्सीन डेवलपमेंट को लापरवाही के साथ लेने को लेकर आगाह किया. उन्होंने कहा कि जल्द वैक्सीन की उम्मीदों के बावजूद हमें सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करना जारी रखना होगा. इसके साथ मास्क पहनना, टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग, कंटेनमेंट और अस्पताल की तैयारियों को भी जारी रखना होगा.