कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सही लड़की मिलने पर शादी करेंगे. ऐसी बातें खुद राहुल गांधी ने फूड एवं ट्रेवल यू-ट्यूब चैनल ‘कर्ली टेल्स’ (Curly Tales) की एडिटर-इन-चीफ कामिया जानी (Kamiya Jani) से बातचीत के दौरान कहीं हैं. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता की ‘शादीशुदा जिंदगी बेहद खुशहाल थी’, इसलिए अपनी जीवनसंगिनी को लेकर उनकी अपेक्षाएं काफी ज्यादा हैं. इस बातचीत के दौरान उन्होंने राजनीति से इतर अपनी पढ़ाई-लिखाई, पहली सैलरी, पसंदीदा खानपान, फिटनेस समेत कई विषयों पर चर्चा की है. जिसके कुछ अहम हिस्से यहां शामिल है.
शादी के सवाल पर राहुल का जवाब
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 52 साल के हो चुके हैं. इस बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें शादी करने में कोई दिक्कत नहीं है. अपने पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता की शादीशुदा जिंदगी बेहद खुशहाल थी और वे एक-दूसरे से बेइंतेहां प्यार करते थे, इसलिए मेरी अपेक्षाएं बहुत ज्यादा हैं. राहुल ने कहा कि सही लड़की मिलने पर मैं शादी कर लूंगा. सही लड़की का उन्होंने मतलब भी बताया और कहा कि जब वह मिलेगी, तो अच्छा रहेगा. जीवनसंगिनी में क्या खूबियां होनी चाहिए, क्या उसकी कोई लिस्ट बना रखी है इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि नहीं. मुझे केवल एक प्रेम करने वाली लड़की चाहिए, जो समझदार भी हो.
पीएम बनें तो ये तीन काम करेंगे राहुल
राहुल ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री बनेंगे, तो तीन चीजें करेंगे, पहली- शिक्षा प्रणाली में बदलाव, दूसरी-लघु एवं मध्यम उद्यमों की सहायता और तीसरी- मुश्किल दौर से गुजर रहे किसानों और बेरोजगार नौजवानों जैसे लोगों की मदद करेंगे.
कश्मीरी पंडित परिवार से है राहुल का नाता
राहुल ने कहा कि वह एक कश्मीरी पंडित परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जो उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद बदला हुआ नाम प्रयागराज में बस गया था. अपने दादा फिरोज खान का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मेरे दादा एक पारसी थे. इसलिए मैं पूरी तरह से मिश्रित नस्ल का हूं.
3000 पाउंड थी पहली सैलरी और राहुल की पढ़ाई
राहुल ने कहा कि उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनकी पढ़ाई-लिखाई घर पर ही हुई. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद उनके पिता राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने उस समय को याद करते हुए कहा कि यह वाकई में सदमे जैसे था. उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों के साथ हम स्कूल नहीं जा सकते थे. मैं एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहा था, लेकिन दादी की हत्या से पहले उन्होंने हमें वहां से निकाल लिया था. जब दादी की हत्या हो गई, तब उन्होंने हमें वापस नहीं जाने दिया. राहुल ने कहा कि स्कूल में कुछ शिक्षक उनसे बहुत अच्छी तरह से पेश आते थे, लेकिन कुछ उनके परिवार की गरीब-हितैषी राजनीति के कारण उनके साथ रूखा व्यवहार करते थे. राहुल से उनकी उच्च शिक्षा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं एक साल सेंट स्टीफन में था और मैंने वहां इतिहास की पढ़ाई की. इसके बाद मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चला गया, जहां मैंने इंटरनेशनल रिलेशन और पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की. कांग्रेस नेता ने बताया कि मई 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो गईं. राहुल ने कहा कि उन्हें फ्लोरिडा के रोलिंस कॉलेज भेज दिया गया, जहां उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की. उन्होंने बताया कि उनके पास ब्रिटेन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से ‘डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स’ में ‘मास्टर्स की डिग्री’ भी है. अपनी पहली नौकरी के बारे में राहुल ने बताया कि उन्होंने लंदन की रणनीतिक सलाहकार फर्म ‘मॉनिटर कंपनी’ में सेवा दी और तब वह 24-25 साल के रहे होंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें पहली सैलरी के रूप में 2500 से 3000 पाउंड का चेक मिला था.
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कांग्रेस पार्टी के पैदल यात्रा का ये है मकसद
राहुल गांधी ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का मकसद भारत में फैल रही नफरत, गुस्सा और हिंसा का मुकाबला करना है. उन्होंने कहा कि तपस्या हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा है, ताकि हम खुद को और दूसरों को समझ सकें. इस पैदल यात्रा का ये भी एक मकसद है. कांग्रेस पार्टी की पदयात्रा का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि मैं अकेला नहीं हूं. मेरे साथ कई अन्य लोग भी यह तपस्या कर रहे हैं. यहां बहुत सारे तपस्वी हैं, अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं और साथ चल रहे हैं.
फिटनेस के लिए राहुल करते हैं रोजाना ये काम
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के फिटनेस ने काफी सुर्खियां बटोरी. बातचीत के दौरान राहुल ने स्कूबा डाइविंग, फ्री डाइविंग, साइक्लिंग, बैकपैकिंग (अकेले घूमने की आदत) और मार्शल आर्ट एकिदो में अपनी दिलचस्पी के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि मैं कॉलेज में मुक्केबाजी करता था. मैंने हमेशा कोई न कोई एक्ससाइज किया है. राहुल ने मार्शल आर्ट को बहुत सुविधाजनक बताया और कहा कि मार्शल आर्ट हमें हिंसक होना नहीं सिखाता, बल्कि ये इसके बिल्कुल उलट है. उन्होंने कहा कि मार्शल आर्ट की गलत व्याख्या की जाती है कि लोगों को नुकसान पहुंचाओ, उन पर हमला करो. लेकिन अगर आप इसके उद्देश्य को अच्छी तरह से समझेंगे तो ये आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे. राहुल ने बताया कि वह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान रोजाना मार्शल आर्ट की एक ‘क्लास’ लेते हैं. सोते समय सिरहाने रखी चीजों के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि उनके बेड की दराज में रुद्राक्ष, शिव सहित अन्य देवी-देवताओं के चित्र और उनका बटुआ होता है.
चिकन टिक्का और कबाब काफी चाव से खाते हैं राहुल
बातचीत के दौरान कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि घर पर वह अपने खानपान को लेकर ‘बहुत सख्त’ हैं, लेकिन “यात्रा के दौरान उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं.” राहुल गांधी ने बताया कि तेलंगाना का भोजन उनके हिसाब से ‘थोड़ा तीखा और चटपटा है.’ उन्होंने कहा कि वहां के खाने में मिर्च थोड़ी ज्यादा रहती थी. मैं इतनी ज्यादा मिर्च नहीं खाता. घर पर खाना कैसा बनता है सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि दिन में “देशी खाना” बनता है और रात में कोई कॉन्टिनेंटल (यूरोपीय देशों का) व्यंजन. उन्होंने कहा कि वह संयमित आहार लेते हैं और मीठा खाने से परहेज करते हैं. राहुल ने बताया कि वह ‘मांसाहार के शौकीन हैं’ और उन्हें चिकन, मटन और समुद्री आहार, सभी बेहद पसंद है. अपने पसंदीदा व्यंजन के बारे में कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें चिकन टिक्का, सीख कबाब और ऑमलेट खाना अच्छा लगता है. उन्होंने यह भी बताया कि वह सुबह एक कप कॉफी पीना पसंद करते हैं. राष्ट्रीय राजधानी में खाने के अपने पसंदीदा जगहों का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि पहले वह पुरानी दिल्ली जाया करते थे, लेकिन अब उन्हें मोती महल, सागर, स्वागत और सरवण भवन का खाना पसंद है. मोती महल में मुगलई व्यंजन परोसा जाता है, जबकि सागर, स्वागत और सरवण भवन अपने दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिए जाने जाते हैं.
राहुल गांधी को मटर और कटहल पसंद नहीं है
भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के राजस्थान चरण में ‘डिनर’ के दौरान राहुल गांधी से हुई बातचीत का वीडियो इसी रविवार को कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्विटर एकाउंट से शेयर किया. वीडियो में राहुल गांधी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वह खाने में ज्यादा मीन-मेख नहीं निकालते और जो कुछ भी उपलब्ध रहता है, खा लेते हैं, लेकिन उन्हें ‘मटर और कटहल’ पसंद नहीं है. बीते साल 7 सितंबर को राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई. फिलहाल यह पैदल यात्रा जम्मू-कश्मीर पहुंच गई हैं. राहुल गांधी इस वक्त जम्मू-कश्मीर में हैं.