Rajiv Gandhi Assassination Case: Congress Opposses SC order to release 6 convicts: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 6 हत्यारों की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को बदलवाने के लिए सभी संभव कानून में मौजूद सभी विकल्प आजमाएगी. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि इस मामले में उसकी राय पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से अलग है. कांग्रेस ने कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या का अपराध देश की संप्रभुता पर हमला है और ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट को अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करके रियायत नहीं देनी चाहिए थी.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश निराश करने वाला : सिंघवी
कांग्रेस ने कहा कि राजीव गांधी के जेल में बंद सभी हत्यारों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट का आदेश निराश करने वाला है. सिंघवी ने यह भी कहा कि इस मामले में कांग्रेस पार्टी की राय पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और दिवंगत राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी से अलग है. सिंघवी ने शुक्रवार को इस मसले पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इस कदम ने देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है और तमाम राजनीतिक हलकों में इसकी आलोचना करते हुए गंभीर चिंता का इजहार किया गया है.”
इस मसले पर कांग्रेस पार्टी की राय सोनिया गांधी से अलग
सिंघवी से जब यह पूछा गया कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी तो राजीव गांधी के हत्यारों को माफ करने की बात कह चुकी हैं, फिर इस मामले में कांग्रेस का रुख उनसे अलग क्यों है, तो कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “सोनिया गांधी की अपनी निजी राय हो सकती है. लेकिन उनके प्रति पूरा सम्मान रखने के बावजूद पार्टी उनसे सहमत नहीं है और हम इस मामले में अपनी राय साफ तौर पर जाहिर कर रहे हैं.”
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दुनिया में गलत संदेश गया : सिंघवी
सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दुनिया में यह संदेश गया है कि हमने इन हत्यारों के अपराध की गंभीरता को भुलाकर उन्हें राहत दी है. उन्होंने ठंडे दिमाग से एक बड़ी साजिश के तहत देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की थी. हमारा मानना है कि देश के पूर्व या तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या का सीधा असर देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता और पहचान पर पड़ता है. शायद यही वजह है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में कभी भी राज्य सरकार की राय को नहीं माना. गौरतलब है कि तमिलनाडु की राज्य सरकार हत्यारों की सजा माफी के पक्ष में रही है और उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.
राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद काट रहे सभी 6 गुनहगार रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने माफ की बाकी सजा
पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या देश की संप्रभुता पर हमला : सिंघवी
सिंघवी ने यह सवाल भी उठाया कि अदालत ने इस अपराध की प्रकृति, गंभीरता और सबूतों को जानते हुए भी इतने निंदनीय, भयानक और जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों को राहत देने का आदेश क्यों दिया? कांग्रेस ने कहा कि भारत सरकार के एक पूर्व प्रमुख की हत्या देश की संप्रभुता की बुनियाद पर हमला है, लिहाजा इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के विशेषाधिकार का इस्तेमाल करके राहत देना सही नहीं था.
सभी कानूनी विकल्प आजमाएंगे : सिंघवी
सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में बदलाव करवाने के लिए सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल करेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा करना सिर्फ देश की जनता के प्रति ही नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट और उसकी विरासत के प्रति भी हमारा कर्तव्य है. सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के उन सभी 6 गुनहगारों को रिहा करने का आदेश दिया है, जो उम्र कैद की सजा काट रहे थे. शुक्रवार को सुनाए इस आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय इसी साल मई में भी राजीव गांधी के एक और हत्यारे को रिहा कर चुका है. इन सभी मुजरिमों को राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए उनकी बाकी सजा माफ कर दी है.
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सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के उन सभी 6 गुनहगारों को रिहा करने का आदेश दिया है, जो उम्र कैद की सजा काट रहे थे. शुक्रवार को सुनाए इस आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय इसी साल मई में भी राजीव गांधी के एक और हत्यारे को रिहा कर चुका है. इन सभी मुजरिमों को राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए उनकी बाकी सजा माफ कर दी है. लिट्टे के आतंकवादियों ने 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदूर में एक चुनावी सभा के दौरान देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आत्मघाती हमले में बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने जिन 6 अपराधियों की बाकी सजा माफ की है, वे सभी इस हत्याकांड के गुनहगार हैं और उम्रकैद की सजा काट रहे थे.