Fake Reviews on Flipkart, Amazon: ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. कई बार ऐसा होता है कि आप ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर रिव्यू पढ़कर खरीदारी कर लेते हैं और बाद में आपको पता चलता है रिव्यू में किए गए दावे फर्जी थे. फ्लिपकार्ट (Flipkart) और अमेजन (Amazon) जैसे ई-कॉमर्स वेबसाइटों में इन फर्जी रिव्यू पर ही रोक लगाने के लिए सरकार ने फ्रेमवर्क बनाने का एलान किया है. शनिवार को सरकार ने कहा कि कंज्यूमर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. इसके तहत, ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर पोस्ट किए जाने वाले फर्जी रिव्यू पर नजर रखने के लिए एक फ्रेमवर्क डेवलप किया जाएगा.
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मीटिंग में फेक रिव्यू पर की गई चर्चा
एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) के साथ कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने शुक्रवार को ई-कॉमर्स संस्थाओं सहित हितधारकों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग आयोजित की. इसमें प्लेटफार्मों पर होने वाले फेक रिव्यू पर चर्चा की गई. फेक रिव्यू के चलते कंज्यूमर्स ऑनलाइन प्रोडक्ट्स खरीदते समय गुमराह हो जाते हैं. एक आधिकारिक बयान के अनुसार उपभोक्ता मामलों का विभाग (DoCA) भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों की मौजूदा मैकेनिज्म का अध्ययन कर रहा है. इसके साथ ही, वैश्विक स्तर पर उपलब्ध बेहतर व्यवस्था को देखते हुए इस फ्रेमवर्क को डेवलप किया जाएगा. इस मीटिंग में कंज्यूमर फोरम, लॉ यूनिवर्सिटीज, वकीलों, FICCI, CII और कंज्यूमर राइट्स एक्टिविस्ट्स सहित अन्य ने हिस्सा लिया और वेबसाइटों पर फेक रिव्यू की समस्या पर चर्चा की.
ई-कॉमर्स वेबसाइट में शॉपिंग करते समय कंज्यूमर्स के पास प्रोडक्ट को फिजिकली तौर पर देखने या चेक करने का विकल्प नहीं होता है. इसके चलते ज्यादातर कस्टमर्स वेबसाइट पर दिए गए रिव्यू पर भरोसा करते हुए खरीदारी कर लेते हैं. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि अभी रिव्यू लिखने वाले की प्रमाणिकता सिद्ध करना और इसकी जिम्मेदारी ई-कॉमर्स कंपनियों की होना दो मुद्दे अहम हैं. ई-कॉमर्स कंपनियों को यह खुलासा करना चाहिए कि वे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से ‘सबसे Relevant रिव्यू’ को कैसे चुनते हैं.
(इनपुट-पीटीआई)