New Guidelines for Television Channels, 2022: केन्द्र सरकार ने टीवी चैनल्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है. इन गाइडलाइंस के मुताबिक अब चैनलों को राष्ट्रहित से जुड़े कार्यक्रमों का रोजाना करीब 30 मिनट प्रसारण करना होगा. सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से करीब 11 साल के बाद टीवी के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने बताया कि नई गाइडलाइंस में हर ब्रॉडकास्टर को राष्ट्रहित या जनसेवा से जुड़े कार्यक्रमों का रोजाना प्रसारण करना अनिवार्य होगा.
सरकार ने दी हैं ये 8 थीम
इसके लिए सरकार की ओर से चैनलों को 8 थीम्स का विकल्प दिया गया है, जिनके आधार पर चैनलों को अपने कंटेंट का प्रसारण करना होगा. इन थीम्स में महिला सशक्तीकरण, कृषि एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा व साक्षरता का प्रसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, साइंस और टेक्नॉलजी, समाज के कमजोर तबकों का कल्याण, राष्ट्रीय अखंडता, पर्यावरण और सांस्कृति संरक्षण शामिल हैं. हालांकि शुरूआत में सरकार की ओर से चैनलों को कंटेंट बनाने के लिए वक्त दिया जाएगा.
भारी घाटे के बाद टाटा मोटर्स में बिकवाली, झुनझुनवाला पोर्टफोलियो का ये शेयर खरीदें या बेच दें
अपूर्व चंद्रा ने कहा कि मंत्रालय द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए चैनलों की निगरानी की जाएगी और अगर कोई भी चैनल नियमों का पालन नहीं करेगा, तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.
30 मिनट के इस स्लॉट का समय अभी तय नहीं
चंद्रा ने बताया कि 30 मिनट के इस स्लॉट का समय तय करने के लिए जल्द ही चैनलों के साथ बातचीत की जाएगी. सरकार की ये नई गाइडलाइंस स्पोर्ट्स, वाइल्ड लाइफ और विदेशी चैनलों पर लागू नहीं होगी. इसके साथ ही किसी इवेंट के सीधे प्रसारण के लिए पहले से इजाजत लेने के नियम को खत्म कर दिया गया है. हालांकि लाइव स्ट्रीमिंग के लिए कार्यक्रमों का पूर्व रजिस्ट्रेशन जरूरी रहेगा.
क्या फाल्गुनी नायर का चल गया बोनस शेयर वाला दांव? लॉक इन खत्म लेकिन नहीं दिख रही भारी बिकवाली
देश को टेलीपोर्ट का हब बने का लक्ष्य
गाइडलाइंस के अनुसार एक से ज्यादा टेलीपोर्ट की सुविधा का इस्तेमाल कर किसी चैनल को अपलिंक किया जा सकता है. देश में मौजूदा नियम के तहत सिर्फ एक ही टेलीपोर्ट के जरिए चैनल को अपलिंक किया जा सकता है. चंद्रा ने बताया कि प्रसारण कंपनियों को भारतीय टेलीपोर्ट से विदेशी चैनलों को अपलिंक करने की अनुमति होगी, जिससे देश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और भारत अन्य देशों के लिए टेलीपोर्ट हब बन जाएगा.