CBSE की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं मंगलवार को रद्द कर दी गई हैं. इसके बाद राजनेताओं, स्कूलों ने फैसले पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस एलान के बाद ट्वीट करके कहा कि उन्हें खुशी है कि 12वीं की परीक्षाओं रद्द कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी अपने बच्चों के स्वा्स्थ्य को लेकर बहुत चिंता में थे.
मनीष सिसोदिया ने छात्रों और अध्यापकों के हित में बताया फैसला
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 12वीं की परीक्षाएं रद्द होने पर कहा कि वे फैसले का स्वागत करते हैं. यह फैसला छात्रों और अध्यापकों के हित में है. इससे पहले उन्होंने यही मांग की थी. छात्रों को उनके पहले के प्रदर्शन पर गणना की जानी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मंत्रियों, राज्यों और छात्रों के साथ चर्चा के बाद पीएम मोदी ने आज युवाओं के स्वास्थ्य और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द करने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि यह अच्छा फैसला है और अगली पीढ़ी के लिए बड़ा कदम है.
फैसले पर स्कूलों ने क्या कहा?
वहीं, स्कूलों ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे सही बताया है. फिक्की अराइज के सह अध्यक्ष और सुचित्रा अकादमी के संस्थापक प्रवीण राजू ने कहा कि आज के हालात देखते हुए सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करना सही फैसला है. उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ किए बिना वे परीक्षा नहीं ले सकते थे. इसलिए वे इस फैसले का स्वागत करते हैं.
द हेरिटेज स्कूल्स के सीईओ विष्णु कार्तिक ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के इस फैसले से विद्यार्थियों और अभिभावकों के सामने मामला स्पष्ट हो गया है और सभी का तनाव भी कम हुआ है. हालांकि किसी विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिहाज से कक्षा 12 की परीक्षाओं की गंभीरता देखते हुए यह फैसला लेना आसान नहीं था. लेकिन सरकार के पास कोई विकल्प नहीं था क्योंकि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा कि अब सीबीएसई के सामने चुनौती 12 वीं कक्षा के मूल्यांकन का वैकल्पिक मानक कायम करने का है.
निर्मल भारतीया स्कूल की प्राचार्य चारु वाही ने भी इस फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह फैसला बच्चों के हित में लिया गया है. हालांकि इसके बाद की प्रक्रिया भी बराबर महत्व की है और बच्चों के मूल्यांकन का मानक तय करने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इसमें यह ध्यान रखना होगा कि बहुत-से बच्चे आखिरी चरण की तैयारी तक तन-मन से करते हैं और इसलिए उन्हें इसका उचित लाभ दिया जाना चाहिए.