Bank Merger: केन्द्रीय मंत्रिमंडल (Cabinet) की बुधवार को हुई बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि इस विलय पर काम जारी है और यह विलय 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हो जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार संबंधित बैंकों के साथ लगातार संपर्क में है. इसमें कोई नियामकीय मुद्दा नहीं होगा.
सरकार ने पिछले साल अगस्त में बड़ा फैसला लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 12 पर आ जाएगी, जो 2017 में 27 थी.
किस बैंक का किसमें होगा विलय
विलय के फैसले के तहत तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में और आंध्र बैंक व कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में करने का प्रस्ताव है. पिछले साल अप्रैल में देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) में विलय प्रभाव में आया है.
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वैश्विक आकार के बड़े बैंक बनाना है मकसद
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक विलय का काम पटरी पर है और संबंधित बैंकों के निदेशक मंडल पहले ही निर्णय कर चुके हैं. विलय का मकसद देश में वैश्विक आकार के बड़े बैंक बनाना है. इस वक्त देश का सबसे बड़ा बैंक SBI है. वहीं देना बैंक और विजया बैंक के मिलने से बैंक ऑफ बड़ौदा इस वक्त देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है. लेकिन नए प्रस्तावित विलय के अमल में आने के बाद PNB दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा और बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरे नंबर पर आ जाएगा.
Input: PTI
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