Cabinet Decisions: केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy, NEP) 2020 को मंजूरी दे दी है. नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा. इसका मतलब है कि प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा. सरकार का कहना है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत उच्च शिक्षा के लिए बड़े सुधार शामिल किए गए हैं, जिनमें 2035 तक 50 फीसदी ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो और मल्टीपल एंट्री/एग्जिट भी हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई यूनियन कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया.
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने बताया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को मंजूरी देने के अलावा कैबिनेट ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने का फैसला किया है. यह भी फैसला किया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ई कोर्स क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किए जाएंगे, वर्चुअल लैब विकसित की जाएंगी और नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) का गठन किया जाएगा.
हर तरह की उच्च शिक्षा के लिए होगा सिंगल रेगुलेटर
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के फीचर्स में सभी प्रकार की उच्च शिक्षा के लिए सिंगल रेगुलेटर शामिल है. यह रेगुलेटर मंजूरियों के लिए विभिन्न इन्सपेक्शंस की बजाय सेल्फ डिस्क्लोजर आधारित पारदर्शी प्रणाली के तहत काम करने वाला होगा. उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे का कहना है कि नई शिक्षा नीति और सुधारों के चलते हम उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी का ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि अभी डीम्ड यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी और विभिन्न इंडीविजुअल स्टैंडअलोन इंस्टीट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इस बात पर फोकस रखा गया है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सभी के लिए नियम समान हों. भारत में 45000 से अधिक सम्बद्ध कॉलेज हैं. इन्हें उनकी आधिकारिक मान्यता के स्टेटस के आधार पर अंडर ग्रेडेड स्वायत्तता, एकेडमिक, एडमिनिस्ट्रेटिव और वित्तीय स्वायत्तता प्रदान की जाएगी.
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ऐसे मिलेगी क्वालिटी एजुकेशन
नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में बेसिक साक्षरता और बेसिक न्यूमरेसी पर भी फोकस किया गया है. इसके तहत पाठ्यक्रम के शैक्षणिक ढांचे में स्ट्रीम्स का कोई अलगाव न रखते हुए बड़ा बदलाव किया गया है. वोकेशनल व एकेडमिक और कुरीकुलर व एक्स्ट्रा कुरीकुलर के बीच की भिन्नता को भी हटाया जाएगा. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 में इस बात पर जोर दिया गया है कि कम से कम कक्षा 5 तक सिखाने का माध्यम मातृभाषा या स्थानीय/क्षेत्रीय भाषा हो. लेकिन कक्षा 8 तक या उसके बाद यह प्राथमिकता आधार पर हो. सभी स्कूली स्तरों और उच्च शिक्षा स्तर पर संस्कृत को 3 लैंग्वेज फॉर्मूला के साथ विकल्प के रूप में पेश किया जाए. नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बोर्ड परीक्षाएं लो स्टेक वाली होंगी और छात्र के वास्तविक ज्ञान का आकलन करने वाली होंगी. इसका अर्थ है कि रिपोर्ट कार्ड प्रतिभा व क्षमता की विस्तृत रिपोर्ट देने वाले होंगे, न कि केवल नंबर बताने वाले.