Union Home Minister Amit Shah in Bhopal: अब मेडिकल स्टूडेंट अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई हिंदी भाषा में भी कर सकेंगे. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने रविवार को एमबीबीएस कोर्स के लिए हिंदी में तैयार की गई 3 सब्जेक्ट के पाठ्यपुस्तकों यानी टेक्स्टबुक्स का अनावरण किया. इसी के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत एमबीबीएस के स्टूडेंट हिंदी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई की जारी रख सकेंगे. इतिहास में आज के दिन को अहम बताते हुए अमित शाह ने कहा कि एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) कोर्स की पढ़ाई हिन्दी भाषा में शुरू करने वाला देश का पहला राज्य एमपी बन गया है.
हिन्दी में MBBS के इन विषयों होगी पढ़ाई
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में एमबीबीएस स्टूडेंट के लिए हिंदी भाषा में मेडिकल बायोकेमिस्ट्री (Medical Biochemistry), एनाटॉमी (Anatomy) और मेडिकल फिजियोलॉजी (Medical Physiology) सब्जेक्ट की टेक्स्ट बुक का अनावरण किया गया. शनिवार को बुक का विमोचन कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री शाह ने कहा कि देश में पहली बार हिन्दी भाषा में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि आज के दिन (16 अक्टूबर 2022) को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा. बुक अनावरण कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) और मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर विश्वास सारंग (MP Medical Education Minister Vishvas Sarang) भी शामिल थे.
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अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में जल्द ही शुरू की जाएगी MBBS की पढ़ाई
अमित शाह ने बताया कि देश की 8 भाषाओं में टेक्निकल और मेडिकल एजुकेशन शुरू किए जाने को लेकर काम जारी है. उन्होंने हिंदी भाषा में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू किए जाने को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की हिस्सा बताया और कहा कि जल्द ही अन्य भाषाओं में भी इस कोर्स की पढ़ाई शुरू की जाएगी. अपने संबोधन में मृह मंत्री शाह ने कहा कि अब छात्रों को अंग्रेजी भाषा बोल न पाने और उसका सही मायने समझ न पाने पर किसी तरह की हीन भावना का सामना नहीं करना होगा. स्टूडेंट राजभाषा भाषा में गर्व के साथ अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे.
MBBS की पढ़ाई में ग्रामीण स्टूडेंट्स को होगी आसानी- सीएम चौहान
गृह मंत्री ने राज्य में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी भाषा में शुरू करने के लिए एमपी के सीएम चौहान और शिक्षा मंत्री सारंग की तारीफ की और कहा कि अब स्टूडेंट अपनी भाषा में गर्व के साथ मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे. इस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम चौहान ने बताया कि पाठ्यपुस्तकों में टेक्निकल शब्दों को हिन्दी में वैसे ही लिखा गया हैं जैसे अंग्रेजी में उसका उच्चारण किया जाता है. उन्होंने ने अपनी बात को समझाने के लिए ‘किडनी’ का उदाहरण लिया और कहा कि अंग्रेजी में लिखे किडनी शब्द का जैसे उच्चारण किया जाता है ठीक वैसे ही MBBS के लिए तैयार कराए गए टेक्ट्सबुक में भी लिखा गया है. मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने ये भी कहा कि अंग्रेजी भाषा के ज्ञान की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर जाना नहीं होगा. अब हिंदी में वह इस कोर्स की पढ़ाई आसानी से पूरी कर सकेंगे. वहीं इस मौके पर मौजूद राज्य के शिक्षा मंत्री सारंग ने बताया कि 97 डॉक्टरों की एक टीम ने इन विषयों के पाठ्य पुस्तकों को हिंदी भाषा में तैयार करने के लिए मिशन मोड में काम किया है. राजभाषा में अब मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो सकेगी.