ADR Data for Phase 1 of Gujarat Election 2022 : गुजरात में पहले फेज का चुनाव 1 दिसंबर 2022 को होना है. इस बार राज्य विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हुई है. गुजरात चुनाव 2022 के पहले चरण में अपनी दावेदारी पक्की करने के लिए नामांकन के दौरान चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट में 21 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलें होने की घोषणा की है. एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक रिफॉर्म यानी एडीआर (ADR) की एक रिपार्ट से इसका खुलासा हुआ है. राजनीति में अपराधीकरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को पहले से ही निर्देश दिया गया है बावजूद इसके गुजरात चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीवारों को संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है. जबकि सुप्रीम कोर्ट अपने निर्देश में कह चुका है कि राजनीतिक पार्टियों को चुनाव के 48 घंटों के भीतर अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड को जनता के सामने सार्वजानिक करना होगा.
दागियों को टिकट देने में AAP सबसे आगे
गुरूवार को जारी रिपोर्ट में एडीआर ने बताया है कि इस बार गुजरात चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है. सबसे अधिक दागी नेताओं को टिकट देने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) है. सत्ताधारी पार्टी भाजपा में 2017 के मुकाबले 2022 के पहले चरण के चुनाव में सुधार देखने को मिला है. बीजेपी ने गुजरात में 1 दिसंबर को 89 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पिछली बार की अपेक्षा इस बार भी करीब उतने ही दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है.
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पहले चरण के चुनाव में AAP के 32 उम्मीदवार दागी
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के पहले चरण में शामिल हुए उम्मीदवारों में से सिर्फ 15 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले सामने आए थे. लेकिन 2022 के गुजरात चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या बढ़ गई है. एडीआर की रिपोर्ट में गुजरात के पहले चरण के चुनाव में अपनी दावेदारी के लिए उतरे 21 फीसदी उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के बताई गई हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी के कुल 88 उम्मीदवारों में से कुल 32 उम्मीदवार आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी के मामले में भी ऐसा ही है, पार्टी के 35 फीसदी उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस गुजरात के पहले चरण के चुनाव में सभी 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी ने 31 सीटों पर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है.
2017 विधानसभा और बाकी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की तुलना में राज्य में सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने गुजरात के पहले चरण के चुनाव में केवल 16 फासदी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 की अपेक्षा इस बार राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने सुधार किया है.बीजेपी ने 2017 के पहले चरण के चुनाव में 25 फीसदी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट दी थी.