Opposition attacks Modi Govt on Adani stocks rout : देश के प्रमुख विपक्षी दलों ने अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट के मसले को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोल दिया है. संसद में विपक्ष ने पूरे मामले की जांच साझा संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग को लेकर हंगामा किया, जिसके बाद लोकसभा की कार्रवाई दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. इससे पहले गुरुवार को भी विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में अडानी ग्रुप विवाद को उठाते हुए कामकाज नहीं होने दिया था. कई विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के दोनों सदनों में शून्यकाल को रोककर फौरन इस मसले पर चर्चा कराने की मांग की.
LIC, SBI की पूंजी खतरे में : विपक्ष
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) समेत देश की जिन सरकारी वित्तीय संस्थाओं और बैंकों ने अडानी ग्रुप में निवेश किया है या ग्रुप की कंपनियों को कर्ज दिए हैं, उनकी पूंजी अब खतरे में है. इतना ही नहीं, विपक्ष यह आरोप भी लगा रहा है कि इन संस्थाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में अडानी ग्रुप को पैसे दिए हैं. विपक्ष का कहना है कि अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट और उनमें सरकारी संस्थानों और बैंकों के निवेश के पूरे मामले का सच तभी सामने आ सकता है, जब उसकी जांच साझा संसदीय समिति (JPC) से या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जाए.
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विपक्ष जनता के साथ, पीएम मोदी अडानी के साथ : कांग्रेस
कांग्रेस ने इस बारे में ट्वीट करके हुए लिखा, “2 दिन हो गए. संयुक्त विपक्ष अडानी मामले में सदन में चर्चा की मांग कर रहा है. LIC-SBI में लगा देश के लोगों का पैसा डूब रहा है. विपक्ष जनता की आवाज सदन में उठाना चाहता है, उनकी चिंताओं पर चर्चा चाहता है. लेकिन… PM मोदी चर्चा से भाग रहे हैं, मित्र को बचा रहे हैं. डर किस बात का?” इतना ही नहीं, कांग्रेस ने विपक्षी नेताओं और पीएम मोदी की अलग-अलग तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, “विपक्ष जनता के साथ. PM मोदी अडानी के साथ”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो, तभी एलआईसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत उन संस्थानों को बचाया जा सकेगा, जिन्होंने प्रधानमंत्री के दबाव में अडानी ग्रुप में निवेश किया है. शुक्रवार की सुबह संसद भवन में संयुक्त विपक्ष के नेताओं की एक बैठक भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में हुई. इस बैठक में जिन 16 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया, उनमें कांग्रेस के अलावा डीएमके, शिवसेना, आरजेडी, जेडीयू, सीपीएम, सीपीआई, समाजवादी पार्टी, एनसीपी और आम आदमी पार्टी भी शामिल हैं.