
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ एनकाउंटर के बाद लापता 20 सुरक्षाकर्मियों के शव रविवार को झड़प की जगह से मिले हैं. पुलिस ने बताया कि इसके साथ एनकाउंटर में मरने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या 22 पर पहुंच गई है. शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिलों के बीच बॉर्डर के साथ जंगल में नक्सलियों के साथ भयंकर गोलीबारी में 31 अन्य घायल हुए हैं.
सुरक्षाबलों के कुछ हथियार भी गायब
उन्होंने कहा कि शनिवार को मारे गए तीन जवानों के शव भी मिले हैं. इसके साथ उन्होंने बताया कि सर्च ऑपरेशन जंगल में जारी था. अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाबलों के कुछ हथियार भी गायब थे. मृतकों में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF), उसकी इलाइट यूनिट CoBRA (कमांडो बटेलियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) और डिस्ट्रीक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के कर्मी शामिल हैं. लेकिन यह पुष्टि नहीं हुई कि उनमें से कितने किस सुरक्षा बल से थे.
एक बड़े ज्वॉइंट ऑफेंसिव में, सुरक्षाबलों की अलग-अलग ज्वॉइंट टीमों, जिसमें दो हजार से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं, उन्होंने दक्षिण बस्तर के जंगलों में बीजापुर और सुकमा जिलों से शुक्रवार रात को एक गैर-नक्सल ऑपरेशन लॉन्च किया था, जिसे माओवादियों का गढ़ माना जाता है.
एनकाउंटर के बाद लापता थे जवान
जब पेटरोलिंग टीम, जो Tarrem से निकली थी, वह Jonaguda के करीब जंगलों के जरिए गुजर रही थी, जो राज्य की राजधानी रायपुर से करीब 500 किलोमीटर दूर है, उस पर माओवादियों के गुट ने हमला कर दिया, जो गोलीबारी में बदल गया. छत्तीसगढ़ के डिप्टी इंसपेक्टर जनरल (एंटी-नक्सल ऑपरेशन) ओपी पाल ने कहा था कि गोलीबारी में पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए और 30 अन्य जख्मी हुए हैं. उन्होंने कहा था कि कुछ जवान, जिसमें पुलिस और अर्धसैनिक शामिल हैं, उन्हें एनकाउंटर के बाद लापता पाया गया और उनका पता लगाने की कोशिशें जारी हैं.
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