रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जल्द ही खास इस्तेमाल के मामलों के लिए डिजिटल रुपये यानी ई-रुपये की टेस्टिंग शुरु करेगा. आरबीआई ने शुक्रवार को कहा है कि इस टेस्टिंग का दायरा जैसे-जैसे बढ़ेगा, लोगों को ई-रुपये की खासियतों और फायदों के बारे में जानकारियां भी दी जाएगी. डिजिटल रुपया बैंकनोट से ज्यादा अलग नहीं है. ई-रुपये की शुरुआत हो जाने के बाद लोगों के पास लेनदेन का एक अतिरिक्त विकल्प होगा. डिजिटल होने की कारण इसका इस्तेमाल काफी आसान होगा. इससे ट्रांजेक्शन में तेजी आने की संभावना है. साथ ही इस पर कम खर्च भी होने का अनुमान है. आरबीआई ने अपने डिजिटल करेंसी पर जारी कांन्सेप्ट पेपर में बताया है कि डिजिटल मनी में रुपांतरण करने से सभी तरह के ट्रांजेक्शन में फायदे हो सकेंगे.
ई-रुपये की डिजाइन में प्राइवेसी व डाटा सेफ्टी रखा जाएगा खास ध्यान
RBI ई-रुपये के लिए सेन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) सिस्टम पेश करेगा. इस नए सिस्टम की प्राइवेसी और डाटा सेफ्टी को लेकर सेंट्रल बैंक RBI ने चिंता जाहिर भी की है. ई-रुपये की प्राइवेसी और डाटा सेफ्टी पर सरकार और संबंधित सरकारी सस्थाओं से जुड़े नीति निर्माता भी विचार कर हैं. कांन्सेप्ट पेपर में बताया गया है कि डिजिटल करेंसी यानी CBDC को डिजाइन करने में प्राइवेसी और डाटा सेफ्टी दोनों ही पहलुओं को लेकर काफी सावधानी बरती जाएगी. आरबीआई का मानना है कि डिजिटल करेंसी से लोगों को रिस्क-फ्री विजुअल करेंसी मिल सकेगी मतलब सुरक्षा के लिहाज से यह डिजिटल करेंसी सभी पैमानों पर बेहतर साबित होगी.
मोबाइल नेटवर्क न होने पर भी ट्रांजेक्शन हो सकेगा संभव
RBI ने कहा कि रुपये के साथ-साथ क्रिप्टो एसेट्स में आम आदमी के विश्वास बना रहे इसके लिए डिजिटल करेंसी लाया जा रहा है. दरअसल यह एक सॉवरेन करेंसी होगी. RBI का मानना है कि भारत में डिजिटल करेंसी जारी किए जाने से कैश मैनेजमेंट की लागत घटेगी, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिल सकेगा, पेमेंट सिस्टम आसान होगा, ट्रांजेक्शन के तौर तरीकों में बदलवा देखने को मिलेगा, नवाचार होगा और लेनदेन में तेजी आएगी. कांन्सेप्ट पेपर में बताया गया है कि डिजिटल करेंसी को ऑफ़लाइन भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस खास फीचर्स के कारण रिमोट इलाके में भी ट्रांजेक्शन संभव हो सकेगा. जिन इलाकों में बिजली या मोबाइल नेटवर्क नहीं होगी वहां भी इसके जरिए लेनदेन संभव हो सकेगी.