RBI Set to Another Rate Hike: रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी एक बार फिर ब्याज दरों में 25 से 30 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा कर सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक बुधवार को खत्म हो रही है, जिसके बद रेपो रेट पर एलान किया जाएगा. एक्सपर्ट की राय इस पर मिली जुली है. हालांकि ज्यादातर इस बात को मान रहे हैं कि रेट हाइक की स्पीड पहले से कम होगी.
मई 2022 से 5 बार बढ़ा है रेपो रेट
बता दें कि पिछले साल महंगाई के पीक पर पहुंच जाने के बाद से केंद्रीय बैंक ने मई 2022 से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया था. मई से अबतक 5 बार ब्याज दरें बढ़ चुकी हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, रिटेल इनफ्लेशन रिजर्व बैंक के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे आ चुकी है. वहीं अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ सुस्त पड़ने की उम्मीद है. ऐसे में केंद्रीय बैंक रेपो दर में सिर्फ 0.25 फीसदी बढ़ोतरी का विकल्प चुन सकता है.
रेट हाइक पर लग सकता है ब्रेक
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आर्थिक शोध विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी की नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरों में बढ़ोतरी को रोकेगा. बता दें कि केंद्रीय बैंक ने अपनी दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इससे पहले लगातार 3 बार रेपो दर को 50 बेसिस प्वॉइंट बढ़ाया गया था. जबकि मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था. मई से अबतक 2.25 फीसदी रेपो रेट बढ़ चुका है.
0.25 फीसदी बढ़ोतरी की गुंजाइश
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि मौद्रिक नीति समीक्षा बजट और उससे पहले आर्थिक समीक्षा के बाद आ रही है. बजट में जहां डेट प्रोग्राम को लगभग पहले की ही तरह रखा गया है, वहीं आर्थिक समीक्षा में आगामी साल में ब्याज दरें ऊंची रहने का अनुमान लगाया गया है. उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की और बढ़ोतरी करेगा. यह इस रेट हाइक साइकिल में रेपो दर में अंतिम बढ़ोतरी होगी.
महंगाई घटने से रेट हाइक की जरूरत घटी
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स मानना है कि भारत में महंगाई लगातार घट रही है. ऐसे में 6.25 फीसदी के ऊंचे स्तर तक पहुंच चुकी नीतिगत दर में और बढ़ोतरी की जरूरत सीमित रह गई है. भारतीय रिजर्व बैंक रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद ग्लोबल सप्लाई में आई अड़चनों की वजह से पिछले साल मई से रेपो दर में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है. रेपो दर इस समय 6.25 फीसदी है. रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी बुधवार को नीतिगत दरों पर अपने निर्णय की घोषणा करेगी.
दूसरे छमाही से घट रही है महंगाई
एसएंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महंगाई लंबे समय उच्चस्तर पर रहने के बाद 2022 की दूसरी छमाही से नीचे आ रही है. वहीं नीतिगत दरें पहले ही 6.25 फीसदी के ऊंचे स्तर पर हैं. रिजर्व बैंक को रिटेल इनफ्लेशन को 6 फीसदी (2 फीसदी ऊपर या नीचे) के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे बाहरी फैक्टर से रिटेल महंगाई लगातार 11 माह तक रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर रही थी. नवंबर, 2022 में खुदरा महंगाई 6 फीसदी से नीचे आई थी. दिसंबर में यह और घटकर 5.72 फीसदी के स्तर पर आ गई.