Nomura Forecast for India : भारत में नीतिगत ब्याज दरों में अगले महीने और 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की जा सकती है, लेकिन उसके बाद रेट हाइक का सिलसिला रुक जाएगा. इतना ही नहीं, 2023 की दूसरी छमाही में GDP विकास दर में गिरावट की वजह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को इंटरेस्ट रेट में कटौती भी करनी पड़ सकती है. जापान की एजेंसी नोमुरा होल्डिंग्स (Nomura Holdings Inc) ने यह अनुमान शुक्रवार को जारी एक नोट में जाहिर किए हैं.
फरवरी में 25bps बढ़ सकती है ब्याज दर : Nomura
नोमुरा का अनुमान है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया फरवरी में होने वाली अपनी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट में और 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करने का फैसला कर सकता है. लेकिन इसके बाद आने वाले दिनों में देश की विकास दर को ऊंचे स्तर पर बनाए रखना बड़ी चुनौती बन जाएगी. नोमुरा का मानना है कि 2023 की दूसरी छमाही में भारत की जीडीपी विकास दर घटकर 4.5 फीसदी तक आ सकती है. इन हालात में RBI को ग्रोथ रेट बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती करनी पड़ सकती है.
RBI पिछले साल 5 बार बढ़ा चुका है रेपो रेट
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महंगाई पर काबू पाने के लिए पिछले साल लगातार ब्याज दरें बढ़ाई हैं. मई 2022 से दिसंबर तक पांच बार की गई इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी तक पहुंच चुकी है, जो पिछले करीब 4 साल में ब्याज दरों का सबसे ऊंचा स्तर है. अगर फरवरी में 25 बेसिस प्वाइंट की और बढ़ोतरी हुई तो रेपो रेट 6.50 फीसदी पर पहुंच जाएगा.
अंतरराष्ट्रीय फैक्टर्स के कारण गिर सकती है ग्रोथ रेट : Nomura
ब्लूमबर्ग के मुताबिक अर्थशास्त्री सोनल वर्मा की अगुवाई में तैयार किए गए नोमुरा के नोट में कहा गया है, “अंतरराष्ट्रीय फैक्टर्स की वजह से 2023 में भारत की ग्रोथ रेट 4.5 फीसदी के स्तर तक गिरने के आसार हैं, जिसके बाद साल की दूसरी छमाही के दौरान ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती करनी पड़ सकती है.” अगर ऐसा हुआ तो साल के अंत तक नीतिगत ब्याज दर घटकर 5.75 फीसदी पर आ सकती है. नोमुरा के अर्थशास्त्रियों ने अपने नोट में कहा है कि इंडियन इकॉनमी के फंडामेंटल्स बेहतर स्थिति में हैं, लेकिन एक्सपोर्ट और इंडस्ट्रियल ग्रोथ में कमजोरी की वजह से इनवेस्टमेंट डिमांड में स्लोडाउन यानी सुस्ती देखने को मिल सकती है. जानकारों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को आंतरिक मजबूती के बावजूद बढ़ती कीमतों और ब्याज दरों के कारण डिमांड के मामले में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
नोमुरा ने 2022 में की थी ब्याज दरें बढ़ने की सटीक भविष्यवाणी
नोमुरा पहली फाइनेंशियल सर्विस कंपनी है, जिसने 2023 के दौरान ब्याज दरों में इतनी कटौती किए जाने का अनुमान जाहिर किया है. इससे पहले Goldman Sachs ने अपने 2023 के आउटलुक में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान नीतिगत ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती किए जाने का अनुमान जाहिर किया था. नोमुरा ने पिछले साल भी काफी पहले ही यह अनुमान जाहिर कर दिया था कि भारत में कीमतों पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो सकता है. हालांकि उस वक्त तक रिजर्व बैंक कीमतों के दबाव को तात्कालिक बता रहा था.
(Input : Bloomberg)