Make in India: माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज (MSE) से रक्षा खरीद वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई. सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. वर्ष के दौरान SC/ST और महिलाओं के स्वामित्व वाली इकाइयों सहित MSE से जनरल गुड्स एंड सर्विसेज की खरीद में 33.8 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह 4,303 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,760 करोड़ रुपये हो गई है. बता दें कि रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बढावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.
कोरोना से पहले की स्थिति से तुलना करें तो वित्त वर्ष 2022 की खरीद वित्त वर्ष 2020 के दौरान 3,204 करोड़ रुपये से 79.7 प्रतिशत बढ़ गई. इस दौरान सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढावा देने के लिए कई कदम उठाए. वित्त वर्ष 2022 के दौरान भारतीय रक्षा निर्यात का कुल मूल्य 12,815 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2021 में 8,435 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2020 में 9,116 करोड़ रुपये था.
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राज्यसभा में साझा किए गए आंकड़े
MSME से रक्षा खरीद पर एक प्रश्न के लिखित जवाब में सोमवार को राज्यसभा में आंकड़े साझा करते हुए, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि MSME डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के प्रोजेक्ट्स में अहम भागीदार हैं और डीआरडीओ उन्हें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करता है. भट्ट ने कहा, “DRDO अपनी टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट स्कीम (TDF) के माध्यम से इंडस्ट्री, खास कर स्टार्टअप और MSME को रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में डिफेंस टेक्नोलॉजी के इनोवेशन, रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 10 करोड़ रुपये तक की राशि देता है.”