Budget 2023 Economists Demand to FM Nirmala Sitharaman | The Financial Express

Budget 2023 Expectations: महंगी हुई लाइफ स्‍टाइल, क्‍या टैक्‍स स्‍लैब पर खत्‍म होगा इंतजार, 80C पर राहत की उम्‍मीद

Budget 2023: अर्थशास्त्रियों का कहना है टैक्‍स स्लैब और स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के साथ इनकम टैक्‍स एक्‍ट के तहत छूट सीमा बढ़ाने की जरूरत है.

Budget 2023 Expectations: महंगी हुई लाइफ स्‍टाइल, क्‍या टैक्‍स स्‍लैब पर खत्‍म होगा इंतजार, 80C पर राहत की उम्‍मीद
Budget DEmand: अर्थशास्त्रियों कहा कि मध्यम वर्ग को बड़ी राहत तभी मिलेगी जब महंगाई नीचे आएगी.

Economist Demand in Budget 2023: देश का आम बजट 1 फरवरी को पेश होने जा रहा है. बजट पर आम आदमी, बाजार, इंडस्‍ट्री के अलावाकी भी नजर है. 2 साल तक कोरोना की मार झेलने के बाद इस बार उम्‍मीद है कि सरकार अर्थव्‍यवस्‍था को बूस्‍ट देने के लिए केुछ बड़े एलान कर सकती है. ऐसे में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण से अर्थशास्त्रियों की भी कुछ डिमांड है. आम बजट से पहले अर्थशास्त्रियों का कहना है कि महंगाई और रहन-सहन की लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए टैक्‍स स्लैब तथा स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के साथ इनकम टैक्‍स एक्‍ट के तहत छूट सीमा बढ़ाने की जरूरत है.

7 की जगह 4 टैक्‍स स्‍लैब

अर्थशास्त्रियों ने यह भी कहा कि मध्यम वर्ग को सबसे बड़ी राहत तभी मिलेगी जब महंगाई नीचे आएगी. इसके लिए सरकार को उपाय करने होंगे. आर्थिक विशेषज्ञों ने बिना छूट वाले इनकम टैक्‍स ढांचे को सरल बनाने और इसे मौजूदा 7 स्लैब से घटाकर 4 स्लैब का करने की डिमांड की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2023-24 का बजट पेश करेंगी. यह इस सरकार का अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट है.

टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव की उम्‍मीद

अर्थशास्त्री और वर्तमान में बेंगलुरु स्थित डॉ. बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एन आर भानुमूर्ति ने न्‍यूज एजेंसी से कहा कि बजट में मध्यम वर्ग के लिये क्या होगा, इसका आकलन करना कठिन है. हालांकि, महंगाई को 4 फीसदी के स्तर पर लाने का कोई भी उपाय स्वागतयोग्य कदम होगा. जहां तक कर स्लैब और मानक कटौती का सवाल है, रहन-सहन की लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए राहत देनी चाहिए.

80C के तहत छूट की लिमिट बढ़े

आर्थिक शोध संस्थान, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि इनकम टैक्स की दरें और टैक्‍स स्लैब संशोधन एक पेचीदा मामला है. हालांकि, इनकम टैक्‍स कानून की धारा 80 सी के तहत निवेश सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है. इससे बचत को प्रोत्साहन मिलेगा. हालांकि, इसके लिये रिजर्व बैंक को नकारात्मक ब्याज दर की समस्या का समाधान करना होगा.

टैक्‍स पेयर्स को बड़ी राहत की उम्‍मीद कम

सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज के चेयरमैन प्रोफेसर सुदिप्तो मंडल का कहना है कि टैक्‍स भुगतान करने वाले वेतनभोगी या मध्यम आय वर्ग के मामले में कोई बड़ी राहत की उम्मीद नहीं है. हालांकि, थोड़ी राहत के रूप में स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन लिमिट में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है. फिलहाल स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के तहत 50,000 रुपये तक की छूट है. मंडल ने कहा कि सिर्फ 4 टैक्‍स स्लैब होने चाहिए, इससे चीजें सरल होंगी.

वैकल्पिक इनकम टैक्‍स व्यवस्था

सरकार ने 2020-21 के बजट में वैकल्पिक इनकम टैक्‍स व्यवस्था शुरू की थी. हालांकि, इस व्यवस्था में रेंट अलाउंस, होम लोन के ब्याज और 80सी के तहत निवेश जैसी अन्य कर छूट नहीं दी जाती है. जहां पुरानी टैक्‍स व्यवस्था में 4 स्लैब हैं, वहीं वैकल्पिक आयकर व्यवस्था में 7 स्लैब हैं.

महंगाई से निपटने का हो ब्‍लूप्रिंट

म्यूनिख स्थित इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस (IIPF) की संचालन प्रबंधन मंडल की सदस्य की भी भूमिका निभा रही लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि बढ़ती महंगाई एक महत्वपूर्ण फैक्‍टर है जो मध्यम वर्ग और गरीबों को प्रभावित कर रही है. महंगाई से निपटने में आरबीआई की सीमाओं को देखते हुए, राजकोषीय नीति के जरिये शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश को मजबूत करने के साथ-साथ रोजगार गारंटी और खाद्य सुरक्षा के माध्यम से लोगों को समर्थन देने की आवश्यकता है.

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First published on: 08-01-2023 at 15:49 IST

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