देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इक्विटी इनफ्लो मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान 14 प्रतिशत घटकर 26.9 अरब डॉलर रहा. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में एफडीआई इक्विटी इनफ्लो 31.15 अरब डॉलर था. कुल एफडीआई इनफ्लो भी मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में घटकर 39 अरब डॉलर रहा. जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 42.86 अरब डॉलर था.
टॉप इन्वेस्टर के रूप में उभरा सिंगापुर
कुल एफडीआई में इक्विटी निवेश, कमाई को फिर से कारोबार में लगाना और अन्य पूंजी प्रवाह शामिल है. कुल एफडीआई में इक्विटी निवेश, कमाई को फिर से कारोबार में लगाना और अन्य पूंजी प्रवाह शामिल है. आंकड़ों के अनुसार, इस छमाही में सिंगापुर 10 अरब डॉलर के एफडीआई के साथ टॉप इन्वेस्टर रहा.
अलग-अलग देशों से कितना आया निवेश
आंकड़ों के अनुसार, इस छमाही में सिंगापुर 10 अरब डॉलर के एफडीआई के साथ टॉप इन्वेस्टर रहा. उसके बाद मॉरीशस (3.32 अरब डॉलर), संयुक्त अरब अमीरात (2.95 अरब डॉलर), अमेरिका (2.6 अरब डॉलर), नीदरलैंड (1.76 अरब डॉलर) और जापान (1.18 अरब डॉलर) का स्थान रहा. कंप्यूटर और हॉर्डवेयर क्षेत्र ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सबसे ज्यादा 6.3 अरब का पूंजी प्रवाह आकर्षित किया. उसके बाद सेवा क्षेत्र (4.16 अरब डॉलर), ट्रेडिंग (3.28 अरब डॉलर), रसायन (1.3 अरब डॉलर), वाहन उद्योग (93.2 करोड़ डॉलर) और निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों (99 करोड़ डॉलर) का स्थान रहा.
(इनपुट-पीटीआई)