TRAI Tariff Order: टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) ने टीवी चैनलों के प्राइसिंग को लेकर एक नया टैरिफ आर्डर दिया है. यह आदेश सभी डीटीएच और केबल ऑपरेटरों के ऊपर 1 फरवरी से लागू होगा. ट्राई के इस आदेश के लागू होने के साथ सभी कंज्यूमर्स को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. माना जा रहा है कि 1 फरवरी के बाद डीटीएच और केबल के बिल में 30 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. हालांकि ऑपरेटरों को डर है कि ओटीटी चैनलों के बढ़ने के बाद केबल ऑपरेटरों के कंज्यूमर कम हुए हैं और ट्राई के हालिया ट्रैफिक आर्डर से इसमें और वृद्धि देखने को मिल सकती है.
TRAI के खिलाफ कोर्ट में गए केबल टीवी ऑपरेटर
ट्राई के इस आदेश से टीवी ऑपरेटरों ने नाखुशी जाहिर की है. ऑपरेटरों इस आदेश को लेकर केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसपर आगे की सुनवाई 8 फरवरी को होगी. सूत्रों का कहना है कि केबल टीवी ऑपरेटरों ने एक कंज्यूमर फ्रेंडली सॉल्यूशन मिलने तक नए टैरिफ रूल्स के इम्प्लीमेंटेशन को रोकने के लिए ट्राई से संपर्क किया है.
क्यों खिलाफ है ऑपरेटर?
एक लोकल केबल टीवी ऑपरेटर का कहना है कि ट्राई उन ऑपरेटरों की स्थिति के बारे में जानता है जो डीडी फ्री डिश और ओटीटी खिलाड़ियों के कारण लगातार ग्राहकों को खो रहे हैं. उसे ऐसे नियम बनाने चाहिए जो ब्रॉडकास्टर्स के लिए फायदेमंद हो. ऑपरेटर ने कहा, “सोनी, ज़ी जैसे ब्रॉडकास्टर के पास पहले से ही अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, और टैरिफ बढ़ोतरी से उन्हें स्थानीय केबल टीवी ऑपरेटरों को दरकिनार करने में मदद मिलेगी, क्योंकि कंज्यूमर सीधे अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो जाएंगे.”
मुश्किल में केबल टीवी ऑपरेटर
ऐसा पहली बार नहीं है जब इस इंडस्ट्री के लोगों ने बढ़ते ओटीटी के प्रभाव और कम होते केबल सब्सक्राइबर्स को लेकर चिंता जाहिर किया हो. पिछले साल भी इस विषय पर कई बार चर्चा हुआ. उस वक्त ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) ने कहा था कि 2.5% के सालाना दर से केबल टेलीविजन इंडस्ट्री से सब्सक्राइबर कम हो रहे हैं. ट्राई के इस नए नियम के बाद इसमें और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इसके अलावा, केबल टेलीविजन इंडस्ट्री को उम्मीद है कि लगभग 150,000 लोग लगातार बिजनेस लॉस का शिकार हो रहे हैं.
टीवी केबल फेडरेशन ने ट्राई को लिखा पत्र
ट्राई के नए ट्रैफिक नियम से परेशान टीवी केबल फेडरेशन ने 25 जनवरी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई. फेडरेशन ने शिकायत दर्ज कराई कि ट्राई बहुत जल्दबाजी में डिसीजन ले रहा है और ऑपरेटर्स को पूरा समय नहीं दे रहा है. फेडरेशन ने अपने पत्र में लिखा कि नए टैरिफ आर्डर के कारण अब कंज्यूमर को ज्यादा कीमत देनी पड़ेगी. ऐसा होने से पहले से संकट में फंसी इस इंडस्ट्री की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी.
कन्जयूमर्स को होगा फायदा: ट्राई
वहीं इन तमाम सवालों पर ट्राई ने भी अपना रुख साफ किया है. ट्राई का कहना है कि नए ट्रैफिक आर्डर के बाद कंज्यूमर नेटवर्क कैपेसिटी फीस (NCF) पर 40-50 रुपये तक की बचत कर सकता है. क्योंकि प्रत्येक कंज्यूमर अब 130 रुपये के एनसीएफ में 100 चैनलों के बजाय 228 टीवी चैनलों का आनंद ले सकते हैं. ट्राई ने अपने आदेश में आगे कहा कि जिनके घरों में एक से ज्यादा टीवी सेट है उनको इस आर्डर के लागू होने के बाद 60 फीसदी की बचत होगी.