Rupee vs Dollar: रुपये में आज डॉलर के मुकाबले फिर कमजोरी आई है. रुपया आज के कारोबार में टूटकर 79.67 प्रति डॉलर के भाव पर पहुंच गया. यह रुपया के लिए अबतक का सबसे निचला स्तर है. रुपये की शुरूआत फ्लैट हुई थी, लेकिन बाद में इसमें कमजोरी आ गई. डॉलर इंडेक्स में आ रही लगातार मजबूती के चलते रुपये पर दबाव बना हुआ है. डॉलर इंडेक्स 109 के लेवल को पार कर गया जो 22 साल में सबसे हाई है. एक्सपर्ट शार्ट टम में रुपये में गिरावट जारी रहने का अनुमान लगा रहे हैं. उनका कहना है कि रुपये के लिए निगेटिव फैक्टर बाजार में मौजूद हैं और अगले कुछ दिनों में यह 80 प्रति डॉलर का लेवल ब्रेक कर सकता है.
आज कैसी रही रुपये की चाल
रिटेल महंगाई में नरमी और शेयर बाजार में आज तेजी के चलते रुपया शुरूआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सपाट खुला. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती और विदेशी पूंजी के लगातार आउटफ्लो से निवेशकों ने शुरुआती कारोबार में सतर्क रूख अपनाया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.55 पर मजबूत खुला लेकिन बाद में यह 79.67 के लेवल तक कमजोर हुआ. इसके नहले मंगलवार को रुपया 79.59 के लेवल पर बंद हुआ था. डॉलर इंडेक्स बढ़कर 108.20 पर पहुंच गया है. क्रूड 0.29 फीसदी की बढ़त के साथ 99.78 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया है.
रुपये में और बढ़ेगी गिरावट
IIFl के VP-रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि फिलहाल रुपया अगर 79.40 के नीचे रहता है तो इसमें रिकवरी की उम्मीद कम है. अगर रुपये 79.40 का भाव ब्रेक करता है तो यह शॉर्ट टर्म में 79.20 के लेवल तक मजबूत हो सकता है. अगर यह 79.80 के भाव को नीचे की ओर तोड़ता है तो 80 प्रति डॉलर पर पहुंच जाएगा. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह महंगाई और मंदी का डर है. वहीं डॉलर इंडेक्स 22 साल के हाई लेवल पर 107 को पार कर गया है. यूएस फेड ने आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं, जिससे डॉलर इंडेक्स में मजबूती आ रही है. वहीं क्रूड 100 डॉलर के पार बना हुआ है.
लंबी अवधि में 82 प्रति डॉलर जाएगा भाव!
आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी (कमोडिटीज एंड करंसीज) के अनुसार लंबी अवधि की बात करें तो इस साल के अंत तक रुपया 80.5/81 प्रति डॉलर तक जा सकता है. त्रिवेदी के मुताबिक अमेरिकी फेड जुलाई में ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है, जिससे भारत से पूंजी की निकासी और बढ़ने की आशंका है. वहीं ब्रोकरेज हाउस नोमुरा के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 82 तक जा सकता है.