Inflow in Gold ETFs drops 90 per cent in 2022: पीली धातु यानी येलो मेटल की कीमतों में उछाल, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीतिक दबाव की वजह से गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) में निवेश का प्रवाह बीते साल 2022 में 90 फीसदी घटकर 459 करोड़ रुपये रह गया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. 2021 में गोल्ड ईटीएफ में 4,814 करोड़ रुपये और 2020 में 6,657 करोड़ रुपये का निवेश आया था. हालांकि, गोल्ड ईटीएफ का संपत्ति आधार और निवेशक खातों या फोलियो की संख्या में 2022 में इससे पिछले साल की तुलना में वृद्धि हुई है.
सोने की बढ़ती कीमत निवेशकों पर डालती है दबाव
मॉर्निंगस्टार इंडिया (Morningstar India) की सीनियर एनालिस्ट मैनेजमेंट रिसर्च कविता कृष्णन ने बताया कि सोने की बढ़ती कीमत शायद निवेशकों पर कुछ दबाव डालती है, क्योंकि बहुत से लोग सुधार की उम्मीद में अपने निवेश को रोक कर रखते हैं. मुद्रास्फीतिक दबाव और ऊंची ब्याज दरों का ढांचा भी इस मामले में चुनौती बना हुआ है. घरेलू मोर्चे पर बात करें, तो निवेशकों ने 2022 में अन्य संपत्ति वर्गों की तुलना में शेयरों (इक्विटी) में पैसा लगाना अधिक उचित समझा. 2022 में निवेशकों ने शेयरों में 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया, जो इससे पिछले साल के 96,700 करोड़ रुपये के आंकड़े से कहीं अधिक है. इसके अलावा निवेशकों ने एसआईपी (SIP) इंट्रूमेंट में निवेश को प्राथमिकता दी. उन्होंने अन्य संपत्ति वर्ग से निवेश निकाला और शेयरों में लगाया.
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गोल्ड फंड को ओर निवेशकों का झुकाव बढ़ा
गोल्ड ईटीएफ में सकारात्मक प्रवाह से दिसंबर, 2022 के अंत तक इसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) 16 फीसदी बढ़कर 21,455 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले 18,405 करोड़ रुपये के स्तर पर थीं. गोल्ड ईटीएफ में फोलियो की संख्या दिसंबर, 2022 तक 14.29 लाख बढ़कर 46.28 लाख हो गईं, जो दिसंबर, 2021 तक 32.09 लाख थी. इससे पता चलता है कि निवेशकों का झुकाव गोल्ड से जुड़े फंड की ओर बढ़ा है.
(इनपुट : भाषा)